समितियों के हुए चुना भाजपा कांग्रेस में हुआ टक्कर का मुकाबला, सभापति के लिए चुनाव टले,आठ समितियों के हुए चुनाव

आशीष यादव, धार 

जिला पंचायत की आठ समितियों के लिए सदस्य, सभापति निर्वाचन की प्रक्रिया सोमवार को जिला पंचायत सभा कक्ष में की गई। प्रात 11 बजे प्रारंभ हुई प्रकिया में छह समितियों के लिए सदस्य चुनने की प्रक्रिया रात साढ़े नौ बजे तक चलती रही। समाचार लिखे जाने तक कृषि समिति में कांग्रेस के छह सदस्य चुने गए हैं। सुबह कृषि समिति के छह सदस्यों के निर्वाचन के दौरान भाजपा का एक वोट अनवेलिड होने के बाद कांग्रेस के सदस्य चुने गए। इसके बाद भाजपा के जिलाध्यक्ष राजीव यादव ने जिला पंचायत पहुंचकर सभी सदस्यों से चर्चा की। सूत्रों की माने तो इस दौरान सभी को एकजुटता के लिए कसमें दिलाई गई। शेष समितियों के चुनाव की प्रक्रिया साढ़े नौ बजे तक जारी थी। 



इस तरह रहा चार समिति का परिणाम...

जिला पंचायत में दोनों दलों के 14 -14 सदस्य निर्वाचित हुए। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष चुनाव में दोनो दलों के सस्दयों की एकजुटता दिखाई दी थी। इसके बाद समान वोट आने पर लाटरी से फैसला किया गया था। उस दौर की एकजुटता सोमवार को समिति सदस्य चुनाव के दौरान देखी गई कृषि सदस्यों के परिणाम आने पर कमजोर दिखाई दी। भाजपा जिलाध्यक्ष के पहुंचने के बाद अन्य पांच समितियों के सदस्य चुनाव में एकजुटता दिखाई दी। अपने-अपने दलो के छह-छह सदस्यों को सभी ने वोट किए। जिसके कारण समान वोट आने पर चुनाव में खड़े 12 सदस्यों के नाम में छह नामों की चिट्ठी खोली गई। इसमें सहकारिता समिति में पांच चिट्ठी कांग्रेस सदस्यों की निकली। निर्माण समिति में तीन-तीन सदस्य भाजपा व कांग्रेस के चिट्ठी में निकले। इसी तरह महिला बाल विकास में चार भाजपा व दो कांग्रेस, वन समिति में चार कांग्रेस दो भाजपा निकले। विधि समिति की प्रक्रिया जारी थी। 


इस तरह होगा परिदश्य

रात पौने दस तक अंतिम समिति जैविविधता के सदस्यों के लिए प्रक्रिया चलती रही। इसके बाद सभापति का निर्वाचन होगा उलेखनिय है की जिस समिति के सदस्यों की संख्या ज्यादा होगी सभापति उनका ही बनना तय माना जा रहा है। हालांकि पौने दस तक निर्वाचन प्रक्रिया जा रही थी। दो समिति सामान्य प्रशासन अध्यक्ष के साथ रहेगा। वहीं शिक्षा समिति उपाध्यक्ष के पास रहेगी। छह समितियों के सभापति इन दोनों समितियों में सदस्य रहेंगे। 


समान सदस्य होने से हुई देरी

जिला पंचायत में अभी तक 27 वार्ड होते थे। इन वार्डों से जिला पंचायत सदस्यत चुने जाते थे। इस चुनाव में एक वार्ड बढ़ने से कुल 28 वार्ड हो गए हैं। दोनों दलों के 14-14 सदस्य जीत कर आए है। इस कारण समितियों के सदस्य चुनाव में पहली बार इतना समय लग रहा है। अभी तक 27 वार्ड होने से एक सम्मान की स्थिति नहीं बनती थी।




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