आशीष यादव, धार
304.44 करोड़ रुपए की लागत से बना डेम फिर भी हुआ लीकेज।
पानी बचाने के लिए लगाया पैसा,
जिले नालछा स्थित भारूड़पुरा में कारम नदी पर बन रहे डेम में रिसाव के बाद हडक़ंप मच गया है। पानी को रोकने के लिए बनाए गए मिट्टी के पुल से बड़ी मात्रा में पानी निकल रहा है। ग्रामीणों को जब इस बात की जानकारी मिली तो अधिकारियों को सूचना दी गई। इसके बाद कलेक्टर पंकज जैन, एसपी आदित्य प्रताप सिंह समेत विभाग के अधिकारी व इंजीनियरों की टीम मौके पर पहुंची है। साथ ही मरम्मत का काम शुरू करवाया गया है। सीमेंट के स्ट्रक्चर के अलावा पानी को रोकने के लिए भी एक मिट्टी का बांध बनाया जाता है, यह रिसाव मिट्टी के बांध वाले हिस्सा में सामने आया है। इसके बाद मरम्मत को लेकर कवायद करवाई जा रही है।
गौरतलब है कि जल संसाधन विभाग धार द्वारा कारम नदी पर 304.44 करोड़ की लागत से डेम का निर्माण करवाया जा रहा है। इसका निर्माण शुरू वर्ष-2018 में शुरू करवाया गया था, जो अब तक लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका है। कुछ काम बाकी है, जिसके लिए कवायद जारी है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से 52 गांवों में 10 हजार 500 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी।
लीकेज का वीडियो आया सामने
गुरुवार को एक वीडियो सामने आया, इसमें डेम के मिट्टी वाले हिस्से से पानी का बड़ी मात्रा में रिसाव देखने को मिला। जानकारी मिलने के बाद डब्ल्यूआरडी के जिम्मेदार अधिकारी मौके पर पहुंचे और मरम्मत का काम शुरू करवाया गया है। लेकिन मिट्टी के एरिया में लीकेज होना बड़ी तकनीकी खामी को दर्शाता है। सीमेंट कांक्रीट में लीकेज देखने को मिलते है। लेकिन मिट्टी वाले हिस्से में लीकेज होने पर तकनीकी लापरवाही देखने को मिली है। विभाग अब इसकी मरम्मत करवाने का दावा कर काम कर रहा है। इस लीकेज के बाद तीन गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।
खेड़ी डेम में आज तक रिसाव
तिरला ब्लॉक के कुआं पंचायत में बने खेड़ी डेम में भी रिसाव का मामला सामने आ चुका है। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता विजय चौपड़ा ने लंबी लड़ाई लड़ी। कलेक्टर से लेकर सीएम तक शिकायत की गई। तब जाकर विभाग निंद से जागा और डेम की मरम्मत करवाई गई। विभाग ने डेम की दरारें तो भर दी, लेकिन अब भी डेम में रिसाव हो रहा है। इस कारण नीचले इलाकों में डर बना रहता है। इस मामले में इंजीनियर विपिन पाटीदार को सस्पेंड किया गया था।
घटिया हुआ काम
नाम ना छापने की बात पर जब इस मामले में गांव वालों से चर्चा की गई तो उनके द्वारा बताया गया है कि डेम का काम सही नहीं हुआ गांव वालों ने यह भी बताया कि जहां मिट्टी डालना होता है वहां जिम्मेदार विभाग के अधिकारी द्वारा मोरम डाली गई जिससे उसकी सही पकड़ नही हो सकी जिसके पानी का रिसाव हो गया अगर जिम्मेदार सही तरीके से कार्य करते तो आज यह दिन देखने को नहीं मिलता।
इनका कहना है
इस मामले में डब्ल्यूआरडी धार के एसडीओ वीके सिद़दकी ने बताया कि लीकेज हुआ है, उसे ठीक किया जा रहा है। युद्ध स्तर पर काम जारी है
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