आशीष यादव, धार
बदनावर पुलिस द्वारा डल्लू के अंधे कत्ल किया पर्दाफाश 12.जनवरी को अश्फाक उर्फ हल्लू पिता असद अली जाति मुसलमान उम्र 46 साल निवासी राणाप्रताप मार्ग काजीपुरा बदनावर का शव उसके खेत पर मिला था । मृतक के शरीर पर कमर के निचले हिस्से में दस से बार चाकू के घाव के निशान थे एवं पैरों पर चोट के निशान थे । मृतक की हत्या किसने की यह मामला अज्ञात था मृतक पुराने चार पहिया वाहनों की खरीदी बिक्री का काम करता था । मृतक का कुछ लोगों से प्रापर्टी बंधवा था । इन बिन्दुओं पर विवेचना करने पर ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया जिससे प्रतित हो कि इस कारण से मृतक की हत्या हुई हो । मृतक का काल डिटेल निकाली गई तो उसमें मृतक के किरायेदार फारुख की पत्नी शबाना के नाम से मोबाईल था उस पर काफी एसएमएस व बातचीत का होना पाया गया । शबाना का पति फारूख के मोबाईल की काल डिटेल निकालने पर उसकी नागदा के कुख्यात बदमाश गुलफाम से बातचीत होना तथा घटना दिनांक को गुलफाम की टावर लोकेशन बदनावर चौपाटी पर होने से तथा गुलफाम का रिकार्ड देखने पर पाया गया कि वह नागदा , खाचरौद व रतलाम का कुख्यात अपराधी है तथा उसके ऊपर 20 से अधिक गंभीर अपराध पंजीबध्द है । फारुख से गुलफाम के संबंध में पूछताछ करने पर उसने बताया कि गुलफाम उसके यहाँ जुआँ खेलने आया था और बिना खेले वापस चला गया था । मृतक के भाई आसीफ ने यह बात बतायी थी कि मृतक हत्या की तीन दिन पूर्व से आकर खेत पर रुका था और घर नहीं आ था । तो उसने उससे कहा भी था कि तुम घर क्यों नहीं आ रहे हो तो डल्लू ने कहा था कि मुझे फारुख से उधारी के रुपये लेना है और मैं उससे पैसे मांग रहा हूँ तो वह अपनी पत्नी को आगे कर रहा है । इस संबंध में फारुख से पूछताछ करने पर फारुख ने उधारी के पैसे का मना बोला था और कहा कि मुझे चार माह का मकान किराया देना बाकी है । गुलफाम और फारुख के बारे में पता करते यह पाया गया कि दोनों बचपन के अच्छे दोस्त है । अतः गुलफाम की घटना दिनांक के बाद से तलाश की जा रही थी । कई बार बदनावर , पुलिस द्वारा नागदा खाचरौद में उसकी तलाश की गई थी । जहाँ वह नहीं मिला था । नागदा पुलिस को गुलफाम की आवश्यकता होने के कारण उन्हें सूचना दी गई थी । इसी बीच दिनांक 30.जुलाई को गुलफाम व उसके अन्य साथियों ने नागदा के कपड़ा व्यापारी दिलीप पोरवाल का अपहरण कर लिया है । नागदा पुलिस ने मुठभेड कर गुलफाम के कब्जे से दिलीप पोरवाल को छुडवाया । घटना में गुलफाम व उसके साथियों द्वारा पुलिस पर फायरिंग की गई तथा भागने के दौरान गुलफाम व उसके साथियों को चोटे आई । गुलफाम को पकड़ने के पश्चात उसके पास से एक पिस्टल व उसके साथी समद के पास से एक चाकू मिला जिसे नागदा पुलिस ने गुलफाम से पूछताछ की तो उसने बदनावर के डल्लू उर्फ अश्फाक बदनावर द्वारा प्रोडक्शन वारण्ट के जरिये लाकर पूछताछ करने पर उसने फारुख के कहने पर अपने साथी रीफत व साईद हत्या करने की बात कबुली थी । इस पर गुलफाम को थाना निवासी खाचरौद के साथ मिलकर डल्लू की चाकू मारकर हत्या करना बताया । हत्या करने का कारण पूछने पर फारुख ने बताया कि डल्लू उर्फ अश्फाक ने उसकी नाबालिग पुत्री के साथ 25 दिसम्बर के आसपास बुरी नियत से छेडछाड की थी । तथा उस पर दबाव बनाकर रात में उसके कमरे में बुला रहा था । इसलियेरीफत व साईद के साथ मिलकर उसकी हत्या की थी । गुलफाम के द्वारा इस सूचना पर नागदा से फारुख शाह व खाचरौद से रीफत व सईद फारुख को पकड़ा गया । तथा इनसे पूछताछ करने पर जुर्म करना स्वीकार करने पर इनसे घटना में प्रयुक्त मोटर साइकल , लोहे की राड व चाकू बरामद किये गये है । श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय धार आदित्य प्रतापसिंह द्वारा मामला अधे कत्ल का होने से इसे गंभीरता से लिया गया व अंतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय देवेन्द्र पाटीदार के मार्गदर्शन में तत्कालीन एसडीओपी देवेन्द्र यादव ववर्तमान एसडीओपी शेरसिंह भूरिया के द्वारा एक टीम गठित की गई । इस अंधे कत्ल का पर्दाफाश करने में थाना प्रभारी दिनेशसिंह चौहान एवं तात्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक सी.बी. सिंह व उनि उनि अनिलसिंह घुरैया , आकाशसिंह हिण्डोलिया , एएसआई प्रहलादसिंह बोरा , सउनि अनूप तिवारी , प्रआर 321 संतोष यादव , आर 881 अनिल द्विवेदी , आर .730 मेहरबानसिंह गुर्जर , आर . 79 राहुल गुर्जर , आर .109 योगेश पाटीदार , आर .476 सचिन , आर . 958 दिलीप जाट , आर . 766 रविकरण , मआर . 1046 निहाल कुंवर की महत्वपूर्ण भुमिका रही ।
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