आशीष यादव, धार
ग्राम खेडा सरकारी स्कुल के पास मृतिका दिपिका अपने पति के घर थी मृतिका ने अपने मोबाईल पर सीम डालने लगी तब उसकी देवरानी दिपा ने कहा यह मोबाईल मेरा है इसमे सीम नही डालने दुगी और विवाद करने लगी जिससे बाद सास धापुबाई मारपीट करने लगी नंनद शांतिबाई व देवरानी दिपा दिपीका को अंदर ले गए जहां देवर जितु उर्फ लक्ष्मीनारायण ने दीपिका के ऊपर मिट्टी का तेल डाल दिया सास धापुबाई ने जान से मारने की नियत से माचिस से आग लगा दी और सभी कमरे से बहार चले गये दिपिका चिल्लाई तो पति ने आकर आग बुझाई जब तक दिपिका पुरी तरह से जल चुकी थी पति ईलाज के लिए इंदौर चौईथराम अस्पताल लेकर गया जहां ईलाज के दौरान दिनांक 15 जून 2019 को दिपिका की मृतिका हो गई ।
घटना के बाद अस्पताल से सुचना के बाद थाना सागौर के उपनिरीक्षक द्वारा मृतिका के कहे अनुसार देहाती नालिस दर्ज की गई इंदौर के तेहसिलदार दिनेश सोनारटीया ने मृतिका के मरणासन्न कथन लिए जिसमे मृतिका ने आरोपीगण द्वारा घटना कारित करना बताया आरोपीगण के विरूद्ध थाना सागौर के अपराध क्रमांक 189/19 , धारा 307,498A,/34 भादस का अपराध पंजीबद्ध किया मृत्यु के बाद अपराध धारा 302 /34 का ईजाफा किया गया प्रकरण का अनुसंधान निरीक्षक रजनीश कश्यप एवं उपनिरीक्षक प्रतिक शर्मा द्वारा किया गया प्रकरण विचारण हेतु न्यायालय मे प्रस्तुत किया गया प्रकरण का विचारण चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश महोदय श्रीमान सुरेन्द्रसिंह गुर्जर साहब द्वारा किया गया प्रकरण मे अभियोजन की ओर से 13 गवाहो का परीक्षण न्यायालय मे कराया गया प्रकरण मे अभियोजन साक्षी द्वारा न्यायालय में अपने परीक्षण द्वारा बताया गया कि आरोपीगण शादी के बाद से ही दिपिका को मानसिक रूप से परेशान व प्रताडित करते थे मायके नही जाने देते थे उसका मोबाईल गुम गया था इस बात को लेकर आरोपीगण मृतिका के ऊपर घासलेट डालकर मृतिका को मार दिया । पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे एम.व्हाय.एच के डां द्वारा अपनी रिपोर्ट मे बताया कि मृतिका दिपिका की मृत्यु 84 प्रतिशत जलने से हुई है । न्यायालय द्वारा प्रकरण मे आई साक्ष्य एवं मृतिका के मरणासन्न कथन के आधार पर घटना की पुष्टि पाते हुए आरोपीगण जीतु उर्फ लक्ष्मीनारायण उम्र 30 वर्ष, धापुबाई पति प्रेमराज उम्र 70 वर्ष, दीपा पति लक्ष्मीनारायण उम्र 30 निवासीगण खेडा तथा आरोपी शांतिबाई पति स्व. प्रकाश निवासी ग्राम शंकर पुरा थाना सागौर को मृतिका दिपिका के हत्या के आरोप मे दोषी पाते हुए अपराध धारा 302/34 भादस के तहत आजीवन कारावास एवं 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया । आरोपीगण पूर्व से ही जिला जेल धार मे बंद है सजा वारंट बनाया गया न्यायालय द्वारा सजा वारंट तैयार कर सजा भुगताए जाने का आदेश प्रदान किया । प्रकरण मे अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक शरद कुमार पुरोहित द्वारा पैरवी की गई ।
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