आशीष यादव, धार
धार में शासकीय जमीन के क्रय - विक्रय करने के मामले में पुलिस जल्द ही चालान पेश करने वाली हैं । इसे लेकर तैयारी अंतिम चरणों में है । दस्तावेजी साक्ष्य जुटाने में पुलिस का पूरा फोकस है । धार के इतिहास में पहली मर्तबा किसी प्रकरण में दस्तावेजों के आधार पर आरोपियों का सजा होगी । प्रकरण में कोर्ट के समक्ष 4 हजार से अधिक पन्नों का चालान पेश किया जाएगा । इसमें करीब 34 आरोपियों के बारे में विस्तृत जानकारी होगी । साथ ही आरोपियों ने किस प्रकार जमीन को स्वयं का बताकर अलग - अलग लोगों को प्लॉट बेचने जैसे महत्वपूर्ण साक्ष्य भी होंगे । एसपी आदित्य प्रताप सिंह द्वारा गठित एसआईटी टीम चालान को पूरा करने में लगी हुई है । इसे पेश करने के साथ ही 4 नए आरोपियों के खिलाफ भी पुलिस कार्रवाई करेगी । दरअसल मगजपुरा क्षेत्र में सर्वे क्रमांक 29 की 3.074 हेक्टेयर जमीन जनकल्याण के लिए दी गई थी , जिसे आरोपी सुधीर दास व सुधीर जैन ने अपने साथियों के साथ मिलकर उक्त भूमि को बेच दिया था । मामले में शिकायत के बाद पुलिस द्वारा संज्ञान लेते हुए 28 नवंबर 2021 को प्रकरण दर्ज किया गया । जिसमें 26 नामजद आरोपी सहित एक संस्था को आरोपी बनाया था । जांच के दौरान पुलिस अब तक इस मामले में 32 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है ।
इन आरोपियों को गिरफ्तारी के बाद हाईकोर्ट से राहत मिली व सभी आरोपी जेल से बाहर आ चुके है । हालांकि आरोपियों को जमानत के दौरान कोर्ट द्वारा आदेशित किया गया था कि प्रकरण के साक्ष्य सहित केस को प्रभावित नहीं करें व पुलिस को समय - समय पर जांच के लिए सहयोग करें । लेकिन अब पुलिस मुख्य आरोपियों की जमानत आवेदन निरस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची , जहां पर खारिज करने का आवेदन स्वीकार कर लिया गया और आरोपियों को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया गया है । इस जमीन की कुल कीमत करीब 250 करोड़ रुपए है
127 साल का इतिहास खंगाला
आजादी के पहले धार महाराज ने सेंट टेरेसा कंपाउंड व ने मिशन अस्पताल की जमीन डॉक्टर मिस वोहरा को सन 1895 में दी थी । इस दौरान डॉक्टर वोहरा को महिलाओं के बेहतर उपचार के लिए जमीन दी गई । जिसमें अस्पताल संचालन के साथ ही प्रशासक बनाया गया था , लेकिन बाद में आरोपी सुधीर दास के पिता सन 1972 में धार आए थे । इसके बाद आरोपी सुधीर ने उक्त जमीन को अपनी पैतृक जमीन बताकर क्रय करना शुरू किया । जबकि सबसे पहले प्रशासक रही डॉक्टर वोहरा से इनका कोई संबंध ही नहीं था । ऐसे में एसआईटी टीम ने 127 साल का पूरा रिकॉर्ड ही खंगाल लिया , जिसे भी चालान के साथ पेश किया जा रहा है । इस दौरान पुलिस टीम ने गूगल मैप के माध्यम से पुराने फोटो निकाले हैं , जिसमें जमीन की यथास्थिति को दर्शाया गया है
83 के आदेश का इंतजार
इस प्रकरण में शामिल आरोपी सुधीर जैन व पत्नी आयुषी जैन पिछले आठ माह से फरार चल रहे है । इनाम की घोषणाओं के साथ संपत्तियों की कुर्की को लेकर पुलिस की कार्रवाई जारी है । जिसमें धारा 83 के तहत चल - अचल संपत्ति को लेकर पुलिस ने कोर्ट में आवेदन किया था , इसमें दोनों पक्षों को कोर्ट ने सुन लिया है । अगर पुलिस के पक्ष में इस धारा का आदेश आता है तो कलेक्टर के माध्यम से सभी संपत्ति कुर्क करेगी , जिसके चलते आरोपी पक्ष कोई भी संपत्ति अब बेच नहीं पाएगा । अगले सप्ताह में गुरुवार को कोर्ट इस धारा की कार्रवाई को लेकर आदेश देगी , जिसे भी पुलिस के चालान में आधार बनाया जाएगा । टीआई समीर पाटीदार के अनुसार धारा 83 को लेकर जल्द ही आदेश आने वाला हैं , एसआईटी टीम चालान पेश करने की तैयारी कर रही है । दस्तावेजी साक्ष्यों में 127 साल का पूरा रिकॉर्ड पुलिस को मिल चुका है , जिसमें स्पष्ट है कि जमीन शासकीय होकर आरोपियों की नहीं है । पुलिस की कार्रवाई अभी जारी है ।
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