शिकायतकर्ता गायब, आवेदिका ने आरोप खारिज किया फिर कर्मी को मिली क्लिनचिट, मामला नगरपालिका की जन्म-मुत्यु प्रमाण शाखा में कर्मी द्वारा महिला आवेदिका से 500 रुपए लेने के फोटो दिखाने का

आशीष यादव, धार 

सीएमओ ने दर्ज किए एक बार फिर आवेदिका और मौके पर मौजूद लोगों के बयान, कर्मी को भी लगाई फटकार, कहा-अपने काम से मतलब रखे समाजसेवा बाहर करों

नगरपालिका की जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा में प्रमाण पत्र कार्य के लिए महिला आवेदिका से पैसे लेने की शिकायत सीएमओं के समक्ष आई है। जिसके बाद आरोपित कर्मचारी और आवेदिका महिला को तुरंत बुलवाया गया। जहां महिला ने पैसा मांगने की बात को नकार दिया है। महिला ने बताया कि शपथ पत्र में लगने वाले शुल्क के लिए शाखा में पदस्थकर्मी कमलेश को पैसे दिए थे, किंतु कमलेश ने शपथ पत्र बनवाने में असमर्थता जाहिर करते हुए कोर्ट जाकर कार्य करवाने की बात कही और पैसा लौटा दिया। सीएमओ के पास पैसा लेने की शिकायत शाखा में कार्य से आए नीलेश पांडे नाम के युवक ने की थी। इस शिकायत त्वरित संज्ञान लेते हुए महिला को बुलवाया गया। जिसमें महिला ने पूरे आरोप की हवा निकाल दी। अब शिकायतकर्ता नीलेश पांडे नाम के युवक को ढूंढा जा रहा है। दरअसल युवक इस मामले की जानकारी सीएमओ को कक्ष में देने के पश्चात गायब हो गया। दरअसल सीएमओ ने त्वरित इस मामले को इसलिए संज्ञान में लिया कि कुछ समय पूर्व ही नगरपालिका की समग्र आईडी शाखा में कर्मी द्वारा पैसे लेने का आरोप लगा था। हालांकि उस मामले में भी फरियादी ने अपने बयानों में कर्मचारियों को क्लिनचिट दी थी।

फिर भी कर्मी को लगाई फटकार

प्राप्त जानकारी के अनुसार ज्योतिबाई नाम की महिला के दो बच्चे चेतन और राजवीर का जन्म महाजन हॉस्पिटल में हुआ था। महिला को उनके जन्म प्रमाण पत्र में कुछ सुधार कार्य करवाने थे। महिला पीथमपुर के इंडोरामा से धार नपा कार्यालय पहुंची थी। इस दौरान कमलेश नाम के कर्मी ने सुधार कार्य के लिए धारा 13 के तहत शपथ पत्र सहित अन्य आवश्यक दस्तावेजों की पूर्णता पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सुधार कार्य करवाए जाने की बात कही थी। चूंकि महिला करीब 35 किलोमीटर दूर से आई थी। उसने स्वयं को बीमार बताते हुए शपथ पत्र बनवाने के लिए कर्मी से ही मदद मांगते हुए उसे लगने वाले शुल्क के करीब 500 रूपए दिए थे। इस दौरान का वाक्या नीलेश पांडे नाम के युवक ने देख लिया था। जिसके बाद उसने तुरंत दौड़कर सीएमओ को मामले की जानकारी दी। इसके बाद सीएमओ ने चंद मिनटों के अंदर मौके पर पहुंचकर कर्मचारी को जमकर फटकार लगाई। उसके बाद महिला से मामले को समझा।  चूंकि शिकायतकर्ता गायब हो गया। आवेदिका मामले में कर्मी को निर्दोष बता रही है। ऐसे में पेशोपश में पड़े सीएमओ ने कर्मी को फटकार लगाकर अपना गुस्सा शांत किया। गौरतलब है कि नगरपालिका में एक माह में दूसरी मर्तबा किसी शाखा में कार्य के बदले पैसे लेने की बात सामने आई है।

लोगों के भी लिखित बयान दर्ज किए

इस घटना के दौरान कर्मचारियों सहित अन्य लोगों की भीड़ लग गई। जिसके बाद सीएमओ ने महिला आवेदिका के साथ कतार में लगे अन्य लोगों से पूरे मामले को समझा। प्रमाण पत्र कार्य से आए आवेदकों ने महिला की बात का समर्थन करते हुए महिला द्वारा शपथ पत्र के लिए पैसे देने और कर्मी द्वारा लौटाए जाने का गवाह होने का लिखित बयान दर्ज करवाया। हालांकि सीएमओ की फटकार के बाद कर्मी फूट-फूटकर रोने लगा। सीएमओ ने शाखा के कर्मियों से कहा कि आपको नियम बताने का अधिकार है। उसमें लगने वाले दस्तावेजों कहां से बनेंगे यह बताने का अधिकार है। इसके अलावा किसी भी तरह की मदद करना गलत है।

इनका कहना है

एक व्यक्ति ने आकर मस्टर कर्मी द्वारा पैसे लेने की शिकायत की थी। इस मामले में जिस महिला से पैसे लेने की बात कही गई उसने शिकायतकर्ता की बात का समर्थन नहीं किया है। आवेदिका यदि शिकायत करती तो उस पर लोकसेवक कदाचरण अधिनियम के तहत जो भी योग्य कार्रवाई होती है वह करते। शाखा में कार्य से आए अन्य लोगों ने भी इस मामले को बेबुनियाद बताया है। हम शिकायतकर्ता नीलेश पांडे को ढूंढ रहे हैं।  उन्होंने किस दुर्भावना से यह आरोप लगाया इसकी पूछताछ करेंगे~~निशिकांत शुक्ला, सीएमओ नपा धार 




टिप्पणियाँ