जुट का सदेश देती भाजपा व कांग्रेस, भाजपा व कांग्रेस के 14-14 सदस्य, आदिवासी उम्मीदवार उतारने पर भाजपा का विचार, एक एक दिन शेष, बाहर गए सदस्य सीधे चुनाव के दौरान ही आएंगे

आशीष यादव, धार 

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तहत अंतिम चरण में जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष को लेकर सम्मेलन के माध्यम से चुनाव 29 जुलाई को होना हैं, जिसमें अब 48 घंटे ही शेष है। भाजपा व कांग्रेस के पास 14-14 जिला पंचायत सदस्य हैं, ऐसे में अध्यक्ष किस पार्टी का होगा। इसकाे लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। इसी बीच दो अलग-अलग धड़ों में घुम रहे कांग्रेस के जिला पंचायत सदस्य अब एक जुट हो गए है। बुधवार दोपहर के समय सिंघार व गौतम गुट से जुडे हुए सदस्यों का एक साथ मौजूद रहने का फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया हैं, जिसमें दावा किया गया कि कांग्रेस एकजुट है तथा परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आएगा। सिंघार गुट से जुडे चार में से तीन सदस्य मनोज गौतम के साथ गए हुए है तथा एक महिला सदस्य पारिवारिक आयोजन के चलते जिला अध्यक्ष के साथ है। भाजपा व कांग्रेस के धार से बाहर गए सभी सदस्य चुनाव वाले दिन सुबह ही धार आएंगे। 

दरअसल जिले में कांग्रेस दो अलग-अलग धड़ों में बंट कर अभी तक चुनाव लडती रही है। जिसमें पहला धडा कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री उमंग सिंघार के साथ तो दूसरा धड़ा जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंदसिंह गौतम के साथ होता है। पंचायत चुनाव के दौरान भी दोनों अलग-अलग ही चुनाव लड़े व अपने समर्थकों को चुनाव जीताकर भी लाए थे। किंतु जिला पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर दोनों की अलग-अलग अभी तक एकजुट नहीं हो पा रहे थे। पहले उमंग सिंघार ने अपने चार जिपं सदस्यों को लेकर भोपाल गए व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात की। इसके पांच दिनों बाद गौतम बंधु अपने साथ कांग्रेस के 9 अधिकृत सहित एक निर्दलीय को लेकर पहुंचे व राजनीतिक चर्चा हुई। प्रदेश कार्यालय पर हुई मुलाकात के बाद दोनों ही धड़ों के जिपं सदस्य अलग-अलग ही घूम रहे थे, किंतु अब सार्वजनिक रुप से सामने आए फोटो में दोनों धड़ों के सदस्य एक स्थान पर आ चुके है। तथा फोटों के माध्यम से कार्यकर्ताओं काे भी संदेश दिया है। अगर यह एकजुटता 29 जुलाई तक कायम रही तो सिंघार व गौतम मिलकर जिपं की सरकार बना लेंगे। 

गौतम अध्यक्ष तो सिंघार गुट से उपाध्यक्ष बनेगा 

जिला पंचायत सदस्य मनोजसिंह गौतम इस मर्तबा कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार होंगे, हालांकि पार्टी से अधिकृत घोषणा होना बाकी है। किंतु गौतम ने अपनी ओर से तैयारी कर ली हैं, जिसको लेकर मनोज गौतम गत दिनों विधायक सिंघार के निवास पर चुनाव को लेकर चर्चा करने गए थे। इस दौरान सिंघार की ओर से आदिवासी अध्यक्ष के नाम को लेकर पक्ष रखा गया था, किंतु अब मामला शांत हो गया है। दैनिक भास्कर डिजिटल ने 11 जुलाई को प्रकाशित की खबर में उल्लेख किया था कि अगर दोनों की दोस्ती रही तो गौतम अध्यक्ष बनेंगे। तथा इसके बदले में सिंघार गुट से आदिवासी सदस्य को उपाध्यक्ष बनाने के साथ ही एक सभापति पद भी दिया जाएगा। अब इसी प्रकार के संकेत बनते नजर आ रहे है। 

भाजपा का आदिवासी उम्मीदवार पर विचार 

जिपं अध्यक्ष पद अनारक्षित वर्ग के लिए आरक्षित हैं, जिसमें कोई भी वर्ग का उम्मीदवार चुनावी मैदान में हो सकता है। जिसके चलते भाजपा से संगीता पटेल, टीना पिपलीपाडा, अशोक पटेल, चंचल पाटीदार, परमेश्वर कन्नौज के नामों की चर्चा थी। इसी बीच सिंघार व गाैतम के एक साथ होनेे की चर्चाओं के बीच भाजपा आदिवासी सदस्य को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बना सकती है। इसको लेकर संगठन स्तर पर चर्चा भी हो रही हैं, जिसमें गंधवानी विधानसभा से सदस्य का चुनाव जीतकर आए सरदारसिंह मेडा को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। जिसको लेकर तर्क भी यह दिया जा रहा है कि गत दिनों राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा ने आदिवासी महिला को उम्मीदवार बनाया था। इस दौरान कई विधायकों ने अपनी पार्टी को छोडकर आदिवासी होने के नाते भाजपा की उम्मीदवार को समर्थन दिया था, जिसमें मध्यप्रदेश के कांग्रेस के विधायक भी शामिल थे। ऐसे में सरदार मेडा गंधवानी विधानसभा से जीतकर आए तथा कांग्रेस के सबसे अधिक जिपं सदस्य भी गंधवानी से ही जीते है। जिसके चलते ही आदिवासी उम्मीदवार को लेकर चर्चा हो रही हैं, हालांकि भाजपा में ही इस चर्चा का विरोध भी किया जा रहा है कि अनारक्षित वर्ग के लिए आवंटित सीट पर सामान्य को ही उम्मीदवार बनाना चाहिए। 



टिप्पणियाँ