नौगांव शनि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के तहत हो रही भागवत कथा

 आशीष यादव, धार

संतानों को धन-संपत्ति के साथ संस्कार भी दें- पंडित तिवारी



पुत कपुत तो का धन संचय, पुत सपूत तो का धन संचय। यह बात इसलिए बोली जाती है कि यदि योग्य पुत्र है तो धन का महत्व खत्म हो जाता है। योग्यता आती है संस्कारों से, इसलिए माताओं-बहनों अपने बच्चों को धन संपत्ति दें लेकिन उसके साथ उन्हें संस्कार भी दें। जिस तरह सुंदरता बगैर गुणों के अधूरी है। उसी तरह बगैर संस्कार के धन-संपदा होने का कोई मतलब नहीं है। यह बात भागवत कथा आयोजन के दूसरे दिवस कथावाचक पंडित रविराज तिवारी ने मौजूद श्रद्धालुओं से कही। उन्होंने संस्कार और गुणों को महत्व देने के लिए ऋषि वेदव्यास के श्लोक ग्रंथों को योग्य व्यक्ति को सौंपने के लिए उनके द्वारा किए गए प्रयास को उदाहरण के तौर पर समझाते हुए बताया। उन्होंने कथा में बताया कि पुतनी राक्षसी माता का वेश धरकर भगवान श्रीकृष्ण से मिली थी। माता यशोदा की तरह भगवान ने उन्हें गति प्रदान की। इस दौरान बड़ी संख्या में भागवत कथा सुनने के लिए क्षेत्र के महिला और पुरुष मौजूद थे।

 

30 को होगी पूर्णाहुति व भंडारा

नौगांव में श्री शनिदेव प्राण प्रतिष्ठा एवं सप्त दिवसीय पंचकुंडात्मक महारुद्र यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इसी के तहत भागवत कथा का पाठ पंडित श्री तिवारी और यज्ञ पंडित विवेक विश्मंगल जोशी (लड्डू महाराज) यज्ञाचार्य द्वारा संपन्न कराया जा रहा है। तिल-घी की आहूति 10 लोगों द्वारा दी जा रही है। वहीं मुख्य यजमान यज्ञ में आहूति दे रहे हैं। 30 मई को यज्ञ पूर्णाहुति एवं कथा समापन के साथ भगवान श्री शनि देव की प्रतिमा मंदिर में स्थापित होंगे। इस दौरान भंडारे का आयोजन भी होगा।

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