पत्रकारों ने सौंपा पुलिस अधीक्षक व टीआई को आवेदन, निष्पक्ष जांच व कार्रवाई की मांग, खबर प्रकाशन होने पर दिया थाने पर आवेदन

आशीष यादव, धार

बुधवार को बड़ी संख्या में पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक से मिलकर आवेदन सौपकर निष्पक्ष जांच की मांग की। आवेदन में कहा गया है कि दैनिक स्वतंत्र एलान के पत्रकार राकेश साहू द्वारा जिला अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी को अस्पताल से वेतन न देते हुए रेडक्रॉस से वेतन आहरित किया जा रहा है। उक्त नियुक्ति नियम विरूद्ध तरीके से की गई हैं। जिसकी न तो कोई विज्ञप्ति जारी नही की गई हैं और न ही अस्पताल प्रबंधन का कोई पद भी नहीं है। उसके बाद भी नियुक्ति कर दी गई है और वेतन जिला अस्पताल से न देते हुए रेडक्रास से दिया जा रहा है। रेडक्रास के फंड का दुरुपयोग किया जाने का समाचार प्रकाशित किया गया था। जिसकी जांच की मांग की गई थी।

इस समाचार से बौखलाकर सुश्री नेहा वर्मा द्वारा राकेश साहू के विरुद्ध एक आवेदन धार थाने पर दिया गया। आरोप लगाया गया कि मुझे प्रताड़ित कर फोन लगाकर परेशान कर रहे हैं। 

इस संबंध में राकेश साहू का कहना है कि अस्पताल सूत्रों से पुख्ता जानकारी के आधार पर समाचार प्रकाशित किया गया और जांच की मांग की है। फोन इसलिए लगाया गया था कि समाचार को लिखते समय दूसरा पक्ष भी लिखना पड़ता है और फोन लगाकर वर्जन लिया गया था। चूंकि पत्रकार है तो समाचार प्रकाशित करते हैं और विभाग के अधिकारी उसकी जांच करे। सुश्री नेहा वर्मा द्वारा असत्य एवं झूठे आरोप लगाकर आवेदन दिया गया है। जिसकी निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही होना चाहिए। साथ ही इस प्रकार के झूठे आवेदन देने पर वर्मा के विरुद्ध कार्यवाही की जाए। राकेश साहू ने अपनी और से आवेदन देकर जांच कर कार्यवाही की मांग की है। पुलिस द्वारा ऐसे असत्य आवेदनों पर कार्यवाही होने लगेगी तो समाचार का प्रकाशन करना मुश्किल हो जाएगा। अगर आपत्ति है तो माननीय न्यायालय की शरण में जाकर कार्यवाही करें। हम सबूत सहित जवाब देंगे। नियुक्ति की जांच न हो, कार्यवाही को प्रभावित करने के लिए पुलिस में आवेदन देकर डराने धमकाने का प्रयास किया गया है। इसी मामले को लेकर समस्त पत्रकार साथी एकत्रित होकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और पुलिस अधीक्षक को आवेदन सौपकर पंडित छोटू शास्त्री ने जांच की मांग की। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आवेदन की जांच की जाकर कार्यवाही की जावेगी। इसके बाद सभी पत्रकार धार थाना पहुंचे व टीआई को आवेदन देकर निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। पत्रकार प्रवीण तोमर ने टीआई के समक्ष पत्रकारों का पक्ष रखा। समाचार को बैलेंस करने के लिए दोनो पक्षो को सुनकर लिखा जाता है और संबंधित का वर्जन फोन द्वारा लेकर लिखा जाता है। यह भी उल्लेखित है कि जो समाचार प्रकाशित किया गया है वह पूर्णतः तथ्यों पर आधारित होकर प्रमाणिक है। नेहा वर्मा द्वारा जो आवेदन दिया गया है उसमें कोई भी तथ्य नहीं है तथा निराधार प्रताड़ना के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं तथा महिला होने का लाभ लिया जा रहा है। 


पुलिस पर डलवाया जा रहा दबाव

आरोप है कि सुश्री नेहा वर्मा द्वारा अपने आवेदन को देने के बाद जांचकर्ता पुलिस अधिकारी पर कार्यवाही करने के लिए कहीं से फोन लगवाकर दबाब डलवाया जा रहा है।

आवेदन देते समय प्रवीण तोमर, पंडित छोटू शास्त्री, संजय चुन्नू वाजपेयी, सुनील दौराया, चयन राठौड़, धर्मेंद्र राठौड़, सैयद रफीउद्दीन कारी, राकेश साहू, अमरदीप सोलंकी, अमर वर्मा, पन्नालाल बाथम, नवीन मेहर, नरेन्द्र तेनिवाल, जसप्रीत डंग, जितेन्द्र सोनी, मुकेश सेन, प्रवीण उज्जैनकर, रवि सोलंकी, राकेश शितोले, राकेश श्रीवास, महेश सोलंकी, विनोद चौहान, कमल गोस्वामी, विक्की सैयद, अविनाश डाबर, नितिन राठौड़, जितेन्द्र चौहान आदि अनेक पत्रकार साथी उपस्थित थे। 



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