आशीष यादव, धार
कलेक्टर डॉक्टर पंकज जैन द्वारा गुरुवार को कृषि एवं संबद्ध विभागों की विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिसमें कृषि से खरीफ 2022 में उर्वरक व्यवस्था पर चर्चा की गई एवं उर्वरकों का माहवार विभाजन कर मांग कर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उपसंचालक कृषि को निर्देशित किया। साथ खरीफ उर्वरक अग्रिम भण्डारण अन्तर्गत उर्वरकों का उठाव अधिक से अधिक कराये। आगामी खरीफ में बीज गुण नियंत्रण की कार्यवाही बीज पैकिंग एवं बोनी के 15 दिवस पूर्व दिये गये लक्ष्य अनुसार सम्पिलग की कार्यवाही पूर्व कर ली जाये। उन्होंने निर्देश दिए कि फसल विविधीकरण अन्तर्गत कृषि एवं उद्यानिकी फसलों में विविधीकरण को बढ़ावा देवे एवं समस्त फसलों को ई- गिरदावरी में सम्मिलित कराये भले ही उन फसलों का क्षेत्रफल कितना भी अल्प क्यों न हो।
परियोजना संचालक आत्मा कैलाश मगर द्वारा बताया गया कि परम्परागत कृषि विकास योजना अन्तर्गत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 7800 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसे किसानों को तकनिकी मार्गदर्शन एवं व्यापक प्रचार कर जागरूक किया जायेगा एवं शासन से दिये लक्ष्य अनुसार माईक्रो प्लानिंग कर अवगत कराये । उप संचालक उद्यानिकी देवारण्य योजनान्तर्गत औषधिय पौधे अधिक से अधिक लगाए जावें। किसानों को जागरूक कर वन विभाग से समन्वय कर चयनित किसानों के यहा आगामी सीजन में बॉस के पौधों का रोपण कराये विशेषकर कटिंगा प्रजाती को लगाकर किसानों को अन्य कम्पनी से जोड़ा जा सकता है। जिससे अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग जल अभियान अन्तर्गत नवीन एवं पूर्नजीवित तालाब के आस-पास के क्षेत्रों में कृषि / उद्यानिकी नवीन फसलों को लगाये जाने हेतु किसानों को अधिक से अधिक प्रचार कर लाभान्वित करें। इसी प्रकार मत्स्य विभाग युजर ग्रुप तैयार कर प्रधानमंत्री अमृत सरोवर योजना एवं मनरेगा अन्तर्गत निर्मित नवीन एवं पूर्नजीवित तालाब में मत्स्य पालन एवं सिघाड़े की खेती कराये। जिससे फसल
विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा। कृषकों को नरवाई नहीं जलाने की रोकथाम हेतु कृषि अधोसंचरचना अन्तर्गत ऋण प्राप्त कर स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं जहाँ पर जिले के आस पास में इन्दौर एवं अन्य जगह पर किसानों की माग अनुसार नवीन नशीन या नवाचार के रूप में स्थानीय स्तर पर नरवाई हेतु तैयार मशीन को और अधिक प्रभावी कार्य करने के लिए किस तरह मोडिफाईड किया जाये इस हेतु इनक्युबेशन सेन्टर से संपर्क कर 5 से 10 प्रगतिशिल किसानों का चयन कर प्रशिक्षण देकर नरपाई प्रबंधन हेतु उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग कर सकते हैं।
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