आसमान में छाए बादलों को देख किसानों की बढ़ी धड़कनें, अरब सागर के ऊपरी भाग में बने चक्रवात से बनी बूंदाबांदी की संभावना

आशीष यादव, धार

लगातार दो सालों से मौसम की मार किसानों से पहली किसान परेशान है मगर इस बार भी माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है वही लगातार मौसम बिगड़ने से किसान को डर लग रहा है कहीं बारिश होने से उसकी फसल खराब ना हो जाए वही किसानों द्वारा अपनी उपज को जल्दी से कटाई कर बारिश से बचाने का प्रयास किया जा रहा है जिसकी फसलें आ गए वह किसान गेंहू व अन्य फसलो की कटाई के कार्य मे लगे वही अन्य किसानों की फसलो खेतो में खड़ी होने से व मोसम के बदलते स्वरुप से किसानों की धड़कने तेज हो गई है वही इस साल भी रबि की फसल के शुरुआती दौर से लेकर फसलों की हो रही कटाई तक मौसम गिरगिट की तरह रंग बदलता रहा जिस कारण किसानों खुशी व मायूसी देखी गई अभी अधिकतर किसानों की फसलों की कटाई का दौर चल रहा है ऐसे में सोमवार सुबह से आसमान पर अचानक छाए बादलों से किसानों की धड़कने बढ़ने लगी है किसानों का कहना है कि हमारी गेहूं ,चना लहुसन सहित अन्य रबी फसलें पक कर खेतों में कटाई के लिए तैयार हैं तो अधिकांश किसानों की कटी हुई फसलें खेतों में पड़ी है ऐसे में अगर बारिश के साथ हवा अंधी चलती है तो खेतों में खड़ी व कटी पड़ी फसलों को भारी नुकसान होगा यदि दुर्भाग्य से कहीं ओलावृष्टि हो गई तो हम किसान बर्बाद हो जाएंगे । बादलों को देख किसानों में मची खलबली आसमान पर छाए काले बादल और हवा पानी की आशंका से चिंचित किसान थ्रेसर व हार्वेस्टर मशीनों के लिए भाग दौड़ कर रहे है ऐसे में मशीनों के समय पर न मिलने से खेत मे कटी पड़ी फसलों के ढेर लगा रहे है ताकि फसलों को नुकसान होने से बचाया जा सके जिसमें अधिकांश किसानों ने तो काले बादलों से डर कर मशीनरी उपलब्ध होने पर अपनी फसल को पूरी तरह पकने से ही पहले काटना शुरू कर दिया है ।

मजदूरों ने बढ़ाई मजदूरी 

रोजगार के पर्याप्त साधन न होने से ग्रामीण अंचलों से मजदूर वर्ग के अधिकतर लोग महानगरों की ओर पलायन कर चुके है ओर किसानो ने बादलों की ओर देख अपने खेतों में खड़ी फसलों की कटाई में जुट गए है ऐसे में मजदूरों की कमी होने से किसान परेशान है पैसे देने के बाद भी किसानों को अपनी फसलों को कटाने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं फसलों के खराब होने के डर से किसानों महेगें दामों पर मजदूरों को बुलाना पड़ा है जिनसे किसानों ने अपनी फसलों को खराब होने से बचाया जा सके। मौसम में आए बदलाव और मजदूरों की कमी के चलते मजदूरों ने भी अपनी मजदूरी के दाम बढ़ा दिए हैं जिसे किसानों को भी महंगा पड़ रहा है ।

हार्वेस्टर ओर थ्रेशर के मालिक भी बढ़ाये दाम:

बिगड़ते मौसम के कारण हार्वेस्टर व अन्य साधन नहीं मिलने से किसान व हार्वेस्टर मालिक भी अपने किराए में बढ़ोतरी कर फसल कटाई कर रहे हैं मौसम में अचानक आए बदलाव के बाद डरे हुए किसानों में अपनी गेंहू ,चना , सहित अन्य फसलों को हार्वेस्टर व थ्रेसिंग से कटाई कराने की होड़ मच गई है । जिसका फायदा उठाते हुए थ्रेसिंग और हार्वेस्टर संचालकों के मालिकों ने भी अपने दाम बढ़ा दिए हैं जिससे किसानों को जद्दोजहद करने के साथ बढ़ाये गए दाम देना पड़ रहे है ऐसे हालात में थ्रेशिंग और हार्वेस्टर मशीन मालिकों के यहां किसान पहुचकर अपनी फसल की पहले कटाई के लिए गुजारिश कर रहे है ।

बारिश की सभावना नही है

कृषि वैज्ञानिक डॉ जीएस गोठिया के अनुसार जिले में बारिश की सभावना नही है मगर गर्मी तेज हो सकती है क्योकि आसमांन बदलो के कारण गर्मी बढ़ सकती है वही जिसे रस चूसक कीटो का प्रकोप बढ़ने कि सभावना है जिले में सिस्टम एक्टिव नही है मगर अभी पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान और उसके आसपास के क्षेत्र पर निम्न दबाव बना रहा है जिस कारण मौसम में बदलाव हो रहा है साथ ही अरब सागर में भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात निर्मित होने से बादल छाए हुए हैं ।और नमी के चलते कही कही बूंदाबांदी के आसार बने हुए है ।मौसम विभाग के ओमप्रकाश हरोड के अनुसार अधिकतम 37.1 तापमान और न्यूनतम तापमान 16.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया वही बादल होने के कारण गर्मी में थोड़ी राहत है।

माथे पर चिंता की लकीर

लगातार दो-तीन दिन से मौसम खराब होने से हम किसानों को चिंता में डाल दिया है अगर बारिश या ओलावृष्टि होती है तो हमारे साल भर की मेहनत पर पानी फिर जाएगा हमारे मुंह आया हुआ निवाला चले जायेगा फसलें खराब हो जाएगा जिससे हमें आर्थिक मार होगी~~ हटेसिग लववंशी किसान सकतली


8 दिन में गेहूं से हो जायेगे फ्री

अगर मौसम आठ दिन साफ होता है तो किसान अपने काम से निपट जाएंगे गेहूं की कटाई के लिए अभी किसान खेतो में लगे हुए वही किसानों कुछ किसान पूरी तैयार नही हुई उसे बाद भी फसल कटवाने में लगे है पिछले दो सालो से मौसम खराबी से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है~~ गोपल यादव किसान अनारद 



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