विश्व रंगमंच दिवस पर महू नगर को नाटक विडंबना ने गुदगुदाया और रूलाया भी

महू , विश्व रंगमंच दिवस पर 27 मार्च को स्थानीय तरुछाया (केन्टोनमेंट गार्डन ) महू में नटराज रंगमंच महू द्वारा समाज में वृद्धों की हो रही उपेक्षा को लेकर एक संदेशात्मक नाटक विडंबना प्रस्तुत किया । नाटक के प्रथम भाग में विवाह तथा हर्षोल्लास के दृश्यों ने सभी को खूब हंसाया और गुदगुदाया । लेकिन द्वितीय भाग में बेटे बहू द्वारा अपने माता-पिता की उपेक्षा के दृश्यों ने उपस्थित जनसमुदाय की आंखें नम कर दी । रंगकर्मी पवन नीम , सरोज नीम तथा कृष्ण कुमार नायडू , विजय कश्यप और मोक्षी सिंह की भावुक प्रस्तुति सभी की आंखे नम कर गई । शशांक जैन और आयुषी मिश्रा ने बेटे बहू का सुंदर किरदार निभाया । युवा टोली रोनक यादव , अमन पाल , पीयूष यादव , हिमांशु सोलंकी , ईशान पीरयानी , महाराजदीन वर्मा , पायल परदेसी ने अपने अभिनय से सभी को खूब हंसाया । नाटक में कवि द्रोणाचार्य दुबे की काव्यात्मक अभिव्यक्ति रही । मीना ठाकुर , लीलादेवी केथवास के साथ उपस्थित महिला समूह ने विवाह के दृश्यों को अपने नृत्य एवं गीतों से सजीव बना दिया ।

 खचाखच भरे तरुछाया गार्डन में उपस्थित अतिथियों राष्ट्रीय कवि दादा शंकर कलाकार , आंबेडकर संस्थान के कुलपति डी के शर्मा , राजनेता राधेश्याम यादव , राजनेता योगेश यादव , समाज सेवी राधेश्याम बियाणी , साहित्यकार रामलाल प्रजापति , समाजसेवी सुरेश खंडेलवाल , पत्रकार दिनेश सोलंकी , पत्रकार राजेंद्र श्रीवास , एडव्होकेट रवि आर्य , रंगकर्मी राजकुमार बागड़ी आदि ने तथा श्रोताओं रंगकर्मी पवन नीम द्वारा निर्देशित इस नाटक की मुक्त कंठ से तारीफ की । कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन यह डॉ उषा किरण त्रिपाठी ने किया। उक्त जानकारी द्रोणाचार्य दुबे ने दी। 








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