आशीष यादव धार
कभी बाजार जाते समय तो कभी स्कूल से बेटियां घर ही नहीं पहुंच पाती हैं । इन बेटियों के गायब हो जाने के बाद माता - पिता और परिवार का एक तरह से सुख - चैन छिन जाता है । ' अपनों ' की तलाश के लिए कभी पुलिस से गुहार लगाई जाती है तो कभी परिचितों के घर तलाश किया जाता है । इसके बाद भी जब बेटी नहीं मिलती है तो परिजन का दुःख असीमित हो जाता है । धार पुलिस ऐसे 15 परिवारों के लिए खुशियां लाई है । इन परिवारों की लापता बेटियों की घर वापसी हो गई है । पुलिस ने इन्हें गुजरात सहित अलग - अलग राज्य और जिलों से में बरामद किया है वही ऑपरेशन मुस्कान के तहत इस समय खाकी लोगों के घर की खुशियां लौटाने के अभियान में लगी है और सबसे दिलचस्प बात यह कि इसमें खाकी को हर दिन सफलता मिल रही है और किसी न किसी मां के आंसू फिर से खुशियों के आंसू में तब्दील हो रहे हैं। इस ऑपरेशन के तहत पुलिस को वैसे तो काफी मशक्कत करनी पड़ रही है लेकिन जब घर परिवार वाले दुआएं देते हैं तो पुलिसकर्मियों को अपनी मेहनत का सार्थक परिणाम दिखता है और इस बात का सुकून भी पुलिस की छवि जनता के बीच इसी बहाने कुछ अलग सी बनती है
पुलिस इस समय अपने एक खास मिशन ऑपरेशन मुस्कान के तहत गुमशुदा बच्चों बालक बालिकाओं की तलाश कर उन्हें बरामद करते हुए उनके परिजनों को सौपा गया।
बरामद हो चुके दर्जन भर से अधिक गुमशुदा बच्चे
ऑपरेशन मुस्कान के तहत तीनो थानों में गुमशुदा बच्चों की धूल फांकती फ़ाइलों शिकायतों को संज्ञान में लेते हर थाना क्षेत्रों को तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई को अमल में लाते हुए पुलिस ने लापता बच्चों की तलाश शुरू की और नतीजतन ऑपरेशन मुस्कान के 55 दिनों के अंदर 15 से अधिक बच्चे बालक बालिकाएं सकुशल अपने परिजनों के हवाले कर दिए गए।
किसी को बहला फुसलाकर भगाया गया तो किसी ने छोड़ दिया घर:
पुलिस के इस ऑपरेशन के तहत कई ऐसे बालक बालिकाओं को बरामद किया गया जिन्हें बहला फुसलाकर उनके घर से भगा लाया गया था। कई नाबालिग लड़कियों को उनकी जिंदगी बर्बाद होने से पहले सम्बंधित थाना पुलिस ने उन्हें सकुशल बरामद कर लिया। किसी को तो महज घण्टों के अंदर खाकी ने इलाके से ही बरामद करते हुए उनके परिजनों ले सुपुर्द कर दिया। तो किसको को अन्य राज्य जाकर धार लाये गए।
3 थानों ने किया बेहतर प्रदर्शन:
दस्तयाबी अभियान के तहत गुमशुदाओं को तलाशने में धार और नौगांव थाने ने बेहतर प्रदर्शन किया है । तिरला थाने ने भी थाना क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लड़कियों को तलाश किया गया है । वही कही थाना क्षेत्रों से लंबित इस तरह के मामलों में कार्रवाई पेंडिंग थी अब यहां गुमशुदाओं से संबंधित कोई प्रकरण नहीं है । दस्तयाबी अभियान के दौरान पुलिस द्वारा तलाशी में लापता बालक-बालिकाओं को पुंलिस ने तलाश कर उनके माता-पिता के सुपुर्द किया तो उनके मुरझाए चेहरे फिर खिल उठे। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर चलाए जा रहे ऑपरेशन मुस्कान के तहत अनुविभागीय कार्यालय में आने वाले थानों में पुलिस 8 अप्रैल से अब तक 15 लापता बालक-बालिकाओं को तलाश चुकी है। ऑपरेशन मुस्कान के तहत पुलिस ने पुरानी फाइलों को खंगाला, तो लापता बालक-बालिकाओं को लौटाया गया
गुमशुदा बच्चो में अधिकांश नाबालिक:
वही इन मामलों में अधिकांश बालिका नाबालिक है क्योंकि अधिकांश मामलों में बच्चों को बेहला फुसलाकर उन्हें ले जाया जाता है वहीं इन मामलों में 15 वर्ष 16 वर्ष 17 वर्ष की आयु की बच्चे इसमें है वहीं पुलिस द्वारा इन दस्तयाब कर इनको इनके परिजनो को सकुशल लौटाया गया में इनको ले जाने वाले व्यक्तियों पर भी कार्रवाई की गई। वही कार्रवाई में धार सीएसपी देवेंद्र धुर्वे धार कोतवाली टीआई समीर पाटीदार नौगांव टीआई आनन्द तिवारी तिरला टीआई रंजीत सिंह बघेल टीम द्वारा कार्रवाई गुम हुए बच्चो को बरामद कर परिजनो को लौटाया गया।
ये मामले भी रहे खास
- धार बस्ती से लापता बालक को पुलिस ने दो दिन में तलाश कर परिजन को सौंपा।
- तिरला थाना अंतर्गत हाल ही में बिना बताए निकली किशोरी को तलाश कर उसके परिजनों को सौंपा।
- लापता हुए 9 वर्षीय बालक को तलाशकर परिजनों को सौंपा गया।
- 15 वर्षीय किशोरी को धार दस दिन में पुलिस ने तलाशा किया ।
- नौगांव पुलिस ने लापता हुए 17 वर्षीय बालिका को तलाश कर परिजन से मिलवाया।
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