4 दिन से महू अस्पताल में यूपी जाने के इंतज़ार में तड़प रहे हैं 5 मज़दूर, महू के पास रिक्शा उलट कर हुआ था चूर

महू, 20 मई। मजदूरों के लिए शायद भारत में कोरोना एक *अभिशाप* की तरह आया है। तभी तो देश का मज़दूर राजनीति के दलदल में पिस रहा है और बचा खुचा कूड़ा ऐसे लोग करके उन्हें और पीस रहे हैं जो जिम्मेदारी के बजाय *निर्दयता* से पेश आ रहे हैं।


एक ऐसा ही मामला महू स्थित शासकीय आंबेडकर अस्पताल में देखने को मिला। यहां 4 दिन से भर्ती 5 मरीजों की आंखों में घर पहुंचने की ललक आंसुओं के साथ दिखाई दी। ये पांचों मज़दूर *काशी पिता रामदेई, पंकज यादव, मंगल रंगई, राजकुमार रामलाल और ऑटो चालक रामजी यादव* मुम्बई से ऑटो में सवार होकर यूपी के लिए 16 मई को रवाना हुए थे। 17 मई को महू के पास एबी रोड पर एक मोटर सायकिल सवार को बचाने में ऑटो पलट गया। इसमें सभी को थोड़ी थोड़ी लगी, जबकि काशी पहले से एक हाथ मे फ्रेक्चर लिए साथ चल रहा था। दुर्घटना में ऑटो तहस नहस हो गया और ये पांचों उपचार कराने महू अस्पताल आ गए। मज़दूर की हालत से पसीज कर महू प्रेस क्लब अध्यक्ष दिनेश सोलंकी और प्रेस फोटोग्राफर राजकुमार सैनी कर्मियों को इसकी जानकारी दी। उन्हें अस्पताल में मजदूरों ने आंखों में आंसू भरकर सारी वेदना बताई। मजदूरों ने बताया वें घर जाना चाहते हैं मगर उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।


अस्पताल प्रभारी *डॉ एच आर वर्मा* से पूछा तो उन्होंने बताया कि मामला आज *स्थानीय प्रशासन* की जानकारी में ला दिया गया है और वें इन्हें यूपी भेजने की कोशिश कर रहे हैं।



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