रक्षकों के रक्षक बने पीथमपुर के डॉ राजेश लेखी

 कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में लगभग हर देश में और भारत के भी हर प्रदेश, हर जिले, हर शहर और हर गांव तक पहुंच गया है। ऐसे में उम्मीद की किरण जो हमें देखती है वह है पुलिस का स्टाफ और वह मेडिकल स्टाफ जो इस बीमारी से लड़ने में दिन-रात लगा हुआ है।


जाहिर है अगर पुलिस और मेडिकल स्टाफ जिसमें डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर वगैरह सब आते हैं अगर वह कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में और संक्रमित लोगों के इलाज में साथ ही कोई व्यक्ति संक्रमित है या नहीं उसकी जांच में लगे हैं, उन्हें भी संक्रमण होने का उतना ही खतरा है जितना किसी और को।


यही हाल पुलिस का भी है। इन्हीं स्थितियों को भाँँपते हुए पीथमपुर स्थित लेखी क्लीनिक और द फेमस चैरिटेबल हॉस्पिटल के मालिक डाँ राजेश लेखी ने एक प्लान बनाया जिसमें राहु, महू, किशनगंज और पीथमपुर के थानों के समस्त स्टाफ को मास्क, सैनिटाइजर और ग्लव्स दिए गए। इसी तरह से लोगों की सेवा में लगे मेडिकल स्टाफ और नगर निगम नगर पालिका के सफाई कर्मी कर्मियों को भी यही सब वस्तुएं दी गई जिससे वे कोरोना वायरस जैसी महामारी से बच सकें और समाज में अपना योगदान बिना किसी डर के, बिना किसी खौफ के देते रहे।


डॉक्टर लेखी ने बताया की मास्क, सैनिटाइजर और ग्लव्स तो हर पुलिस वाले और हर मेडिकल स्टाफ के व्यक्ति को दिए हैं पर जो वरिष्ठ अधिकारी हैं जैसे डॉक्टर, टीआई और सीएसपी रैंक के अधिकारी, उन्हें एन 95 मास्क भी दिए हैं, जो काफी महंगे होते हैं पर इस तरह की बीमारियों को रोकने में बहुत सहायक होते हैं।


उन्होंने बताया कि उनके पिताजी भी पुलिस अधिकारी थे और बचपन से ही उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली देखी है कि किस तरह से दिन रात एक कर के पुलिस कानून व्यवस्था को बनाए रखने और समाज के कार्यों में लगी रहती है।


ऐसे में पुलिस को रक्षा का फ्रंट लाइन भी माना जा सकता है, इसलिए इन लोगों की रक्षा होना जरूरी है क्योंकि अगर इनकी रक्षा नहीं हुई यह संक्रमित हो गए तो पूरी सोसाइटी यानी कि पूरे समाज को नुकसान होना तय है।


इस सब को देख कर एक लाइन अनायास ही मुंह से निकली-


"रक्षकों की रक्षा कर रहे हैं डॉक्टर लेखी"



 


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