बड़वानी के महाराजा रणजीत सिंह स्विमिंग पूल की एक दर्दनाक कहानी

ये घटना है ।जिला बड़वानी


 


 


 


शहर बड़वानी में स्थित महाराजा रणजीत सिंह स्विमिंग पूल  में एक सात वरसिय बालक की दिनाक 8/07/2017 को डूबने से म्रत्यु हो गयी ।थी  । इस बालक की मौत के जिम्मेदार रंजीत क्लब की संचालित कार्यकारिणी थी । जिसकी गम्भीर लापरवाही जानभुझकर की गई लापरवाही थी ।जिसमे इस क्लब द्वारा कोई स्विमिंग ट्रेनर नही और नाही गार्ड रखा था ।और नाही सुरक्षा के साधन थे । और नाही इस स्विमिंग पूल की कोई लीगल परमिशन भी नही थी ।यह इल्लीगल पूल था ।सब कुछ तथ्य पुलिस के सामने थे । पुलिस के लेटर के जवाब के आधार पर पुलिस संस्था की कार्यकारिणी के खिलाफ  कार्यवाही कर सकती थी । परंतु अक्षर देखा गया है ।हमारे सिस्टम में ।कई रसूकदार और राजनेताओं के प्रभाव में आकर जांच एजेंसी असल आरोपियों को बचा लेती है ।ऐसा ही पुलिस द्वारा इस केश में किया गया ।वँहा मौजूद दो चौकीदार को ट्रेनर और संचालक बता कर करवाही कर ।आरोपी तक इस केश में बदले । इन सभी तथ्यों को लेकर म्रतक  के पिता ने हाय कोर्ट का सहारा लिया पर वँहा से उसे याचिका विड्रा करना पड़ी ।उसके बाद पुलिस द्वारा छोड़े गए आरोपियों को आरोपी बनाने के लिए धारा 119 का आवेदन दिया ।जिसकी लड़ाई हाय कोर्ट तक लड़ी पर अफसोस 319 का हवाला देते हुए ।कोर्ट ने साक्ष्य के दौरान नाम आने पर कार्यवाही के आदेश जारी किए ।अब आलम ये है कि घटना को लगभग 3 वर्ष होने में आगये है ।पर आज भी तारीख पर तारीख जारी है ।ये लड़ाई तो कोर्ट तक कि हे असल लड़ाई जिला प्रशासन बड़वानी की देखिए ।जिला प्रशासन रणजीत क्लब बड़वानी की अवैध लीज के खिलाफ कारवाही नही कर रहा ।जिसका हर निर्माण कार्य बिना किसी विभाग की परमिशन से बना है ।इस क्लब के  सम्पूर्ण अवेध निर्माणो की जांच जिला। प्रशासन करता है  ।और उसके कॉम्प्लेक्स स्विमिंग पूल आदि अवैध पाए जाते है ।यंहा तक नगर पालिका बड़वानी के cmo इस अवैध स्विमिंग पूल को अवैध हाय कोर्ट में भी सपथ पूर्वक कहते है कि यह स्विमिंग पूल अवेध है ।उसके बाद भी कार्यवाही नही की जाती ।sdm महोदय जांच करते है सब कुछ अवेध पाया जाता है ।उसके बाद भी कार्यवाही नही की जाती है ।म्रतक के पिता द्वारा मय साक्ष्य जिला प्रशासन पुलिस नगरपालिका cm कमीश्नर सभी ऐसे विभाग को जानकारी दी और सभी विभाग ये जानता है ।कि पीड़ित के साथ किश तरह का पक्ष पात किया जा रहा है । अरे इस जिला प्रशासन ने तो ये तक हद कर दी कि पीड़ित को मिलने वाली सहायता राशि भी जातीय आधार पर निरस्त की ।जिला प्रशासन के दण्डदाधिकारी श्री कलेक्ट र महोदय और सभी को जनसुनवाई के माध्यम से हर झूट का पर्दाफाश मय साक्ष्य किया ।पर अफसोस राजनीतिक रासुकदारो के दबाव में ।जिला प्रशासन रणजीत क्लब के सम्पूर्ण अवेध निर्माणो का बाल भी नही उखाड़ पा रहा है । cm कमलनाथ जी के ऑपरेशन कलीन में यह कहा गया था ।कोई भी हो उसे नही छोड़ा जाएगा । यह कार्यवाही भी हुई नोटिस भी हुए  अवैध निर्माणो को तोड़ने के जारी हुए। पर रातो रात अधिकारी ला ट्रान्सफर कर दिया जाता है ।इससे स्पस्ट होता है कि हमारे सिस्टम में किस तरह रासुकदारो और राजनीतिक प्रभाव है ।जो सच को सच नही कह सकता । ये सिस्टम सिर्फ और सिर्फ गरीब और लाचारों और मजलूमों के लिए ही बना है ।ये सिर्फ गरीबो और मासूमो केखिलाफ ही कारवाही कर सकता है ।रासुकदारो और राजनेताओं के खिलाफ नही ।इसी सिस्टम से नाराज होकर एक पिता का सब्र का  बांध टूट गया ।और उसने इच्छा मर्त्यु की मांग की और मांग में यह आदेश लिखने को कहा कि यह सिस्टम सिर्फ और सिर्फ रासुकदारो और राजनेताओं के लिए ही काम करता है ।और हम जिन कुर्सी यो पर बैठे है ।उस पर बैठने से पहले झूटी सपथ लेकर बैठते है ।कि हम गरीब और लाचार लोगो के हितों की कोई सुरक्षा नही करेंगे हम सिर्फ और सिर्फ रासुकदारो और राजनेताओं के लिये काम करेंगे ।ऐसे आदेश के साथ न्याय नही मिलने से नाराज पिता ने ईच्छा म्रत्यु की मांग जिला कलेक्टर बड़वानी से की जिनके संज्ञान में सब कुछ होते हुए भी जानबूझकर कार्यवाही नही की जा रही  । आखिर कब तक गरीब  परेशान होता रहेगा कब तक और लोग कब तक ऐसे ही तमाशा देखते  रहेंगे जब तक उनके साथ कोई घटना नही होती तब जागोगे ।भाई हमने हमारा लगते जिगर खोया है इस लड़ाई में आप हमारे साथ आये क्योंकि हमारी लड़ाई आपके लगते जिगर आपके बच्चों के साथ ऐसी घटनाएं ना हो ।इसलिये हम लड़ रहे है ।आज आवाज नही उठाई तो कल यूँही सहन करना पड़ेगा । इसलिए एक पिता आप सभी  से निवेदन करता है ।कि आप इस लड़ाई में मेरा साथ दें । मुझे न्याय नही मिल रहा है ।इस  कारण मेने इच्छा म्रत्यु की मांग की है । यह घटना उस फिल्म की तरह ही जंहा सब कुछ सच को छिपाने के लिए बदल दिया जाता है ।लेकिन एक पिता के संघर्ष ने इस सच को सबके सामने लाकर रख दिया ।उसके बावजूद कोई कार्यवाही नही अब आप ही बताए आखिर में इसके अलावा मेरे पाश कोई रास्ता भी नही बचा या ।


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