रोग शोक आधी व्याधि से युक्त है यह दावानल रूपी संसार--साध्वी श्री प्रीति दर्शना श्रीजी म सा

 


परमात्मा के प्रति सच्ची श्रद्धा एवं समर्पण ही आत्म कल्याण का मार्ग

यशवन्त जैन 

महिदपुर रोड श्री राजेंद्र सुरी ज्ञान मंदिर विराजित परम पूज्य साध्वी डॉ प्रीति दर्शना श्रीजी ने धर्म सभा में उपस्थित श्रोताओं को जिनवाणी का श्रवण कराते हुए कहा कि जिस संसार को हम सुख मान रहे हैं वह सुख नहीं है। मात्र सुख का भ्रम है। संसार रोग शोक आधि व्याधि से युक्त है। संसार दावानल के समान है। हमें संसार में रहते हुए भी संसार के पदार्थों के प्रति आसक्ति नहीं रखना चाहिए जिस प्रकार कमल कीचड़ में रहते हुए भी कीचड़ से परे यानी ऊपर रहता है उसी प्रकार हमें भी संसार में रहते हुए अपने जीवन को संसार से परे रखते हुए परमात्मा की पूजा साधना आराधना मैं लगाकर अपने मानव भव को सफल बनाना चाहिए । साध्वी जी ने कहा कि जिस प्रकार हम बीमार होने पर डॉक्टर की बात पर पूरा विश्वास रखते हैं तो हमारे तीन लोक के नाथ परमात्मा के वचनों एवं उनकी वाणी पर संदेह क्यों है जो हमें इस संसार रूपी दलदल से तारने का काम करते है। परमात्मा के प्रति सच्ची श्रद्धा एवं समर्पण भाव ही आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते है। संध्या को पूज्य साध्वी जी के मुखारविंद से परमात्मा की सु मधुर भक्ति हो रही है जिसका लाभ सभी समाज जन ले रहे हैं। 



आज सुबह 6:30 बजे परमात्मा सुविधिनाथ दादा एवं अन्य भगवान का महा अभिषेक किया गया जिसमें सभी समाज जनों ने भाग लेकर पुण्य लाभ अर्जित किया। आज की सा धार्मिक भक्ति का लाभ पारसमल निलेश कुमार रितेश कुमार भंडारी परिवार ने लिया उक्त जानकारी जैन समाज के मीडिया प्रभारी सचिन भंडारी ने दी।


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