हे भगवान अन्नदाता हो रहा परेशान, बारिश ने बिगाड़ा किसानों का गणित, नही हो रही सोयाबीन फसल की कटाई

आशीष यादव धार (ग्राउंड रिपोर्ट)

10 अक्टूबर तक वर्षा का दौर जारी रहने की संभावना, मौसम विभाग का अनुमान आने वाले दिनों में हौगी बारिश

बारिश ने इस बार फिर से अन्नदाता का गणित बिगाड़ दिया है। वही सितंबर माह बीतने के बाद अक्टूबर माह के पहले सप्ताह से बारिश का दौर शुरू हो गया है लेकि लगातार बारिश होने से किसानो परेशानी बड़ा दी वही पहले बारिश नही होने होने से किसान परेशान थे अब कटाई के समय लगातार बारिश के चलते फसलो को नुकसान हुआ है जिसे फसलो का उत्पादन पर इसका असर पड़ेगा वही कुछ किसानों ने गेंहू के खेतों को तैयार करना है। मगर लगातार बारिश से अगली वेराइटी की सोयाबीन को ज्यादा नुकसान हो सकता है व अभी भी किसनो की फसल खेतो में ही खड़ी है। वही बारिश के कारण फसले नही काट पा रही है लेकिन मौसम के बदलते तेवर देख किसान एक बार फिर से माथे की चिंता बड़ा दी हैं। उन्हें डर सता रहा है कि यदि इस समय बारिश नही रुकी तो सोयाबीन व अन्य फसलो को ज्यादा नुकसान होगा उसमें से बीज अंकुरित होने लग जायेगा व फसल खराब व दाग वाली हो जायेगी जिससे किसान द्वारा 4 महीने तक फसलो लालपन किया मगर उसका सही मूल्य नही मिलेगा। वहीं अभी अधिकांश किसान अभी भी अगली वैराइटी की फसल कटाई कर लहुसन व मटर की फसल लगाए मगर बारिश ने किसानों का गणित फेल कर दिया अक्टूबर माह में पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी वर्षा का दौर चल रहा है और कुछ दिन छोड़कर लगभग पूरे माह जारी रहने की संभावना भी मौसम विभाग द्वारा जताई जा रही है। ऐसा माना जा रहा था कि मानसून विदा हो गया है, लेकिन जाता हुआ मानसून अचानक वापस आने से लोग हैरत में पड़ गए। जानकारी के अनुसार इस बार मौसम विभाग का अनुमान बिल्कुल सटीक साबित हो गया है। मानसून सीजन में भी काफी वर्षा हुई, कई बार तूफानी वर्षा के पूर्वानुमान सही साबित हुए। वर्षा होने से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, सोयाबीन की कटाई जारी है बारिश होने से उसमें बाधा उत्पन्न हुई।



आंखों के सामने बर्बाद होते देख रहे फसलो को:

लगातार हो रही बारिश के चलते किसानों के चेहरे पीले पड़ गए हैं। खेत-खलिहानों में पड़ी पीला सोना कहलाने वाली सोयाबीन अब काली पड़ की कगार पर आ गई। इससे किसानों की हालत पस्त हो गई है। अधिकाश जगह फसल खराब हो चुकी है। सतत बारिश की मार झेल रहे किसानों को इस साल मानसून ने रुला दिया है। इसने सोयाबीन की फसलों को बर्बाद कर दिया है। रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण खेत-खलिहानों में पड़ी सोयाबीन फसलों को भारी नुकसान हुआ है। कई जगह तो कटाई के दौरान खेतों में पड़ी पूरी फसल ही पानी में डूब गई। किसानों की परेशानी कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। लगातार हो रही बारिश ने खेतों से मंडी तक के सफर को मिट्टी में मिला दिया। लाचार किसान सोयाबीन की फसल को आंखों के सामने बर्बाद होते देखने को मजबूर हो रहा है। जिले के कई गांवों में सोयाबीन काटने और निकालने का काम शुरू ही हुआ था कि बारिश शुरू हो गई और देखते ही देखते शुक्रवार की दरमियानी रात में बारिश का दौर रातभर चलता रहा है। इससे खेतों में काटकर रखी और खड़ी दोनों फसलों को नुकसान हुआ है। मौसम विभाग द्वारा पहले ही बारिश का पूर्वानुमान किया गया था। इस कारण बहुत से किसानों पूरी तरह पककर तैयार होने से पहले ही फसल की कटाई कर ली थी इसके बावजूद कई किसान ऐसे हैं जिन्होंने लेट बोवनी की थी उनकी फसल अभी तक पकी नहीं है। बारिश से ऐसे किसानों को काफी नुकसान हुआ है।



फसल सड़ने की संभावना

मौसम विभाग के मुताबिक अभी तीन दिन तक और बारिश होने का अनुमान है। इस बार मानसून काफी मेहरबान रहा, इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में अधिक बारिश हुई। अब तक 32 इंच वर्षा हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष पूरे साल में 28 इंच वर्षा हुई थी। बता दें कि जिले में औसत वर्षा का आंकड़ा 4 इंच अधिक है। अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में हो रही लगातार वर्षा से खरीफ सीजन की सोयाबीन आदि खेतों में खड़ी एवं कटकर खलिहान में रखी फसल सड़ने की संभावना है और फलियों में अंकुर निकलने का डर है। शुक्रवार दोपहर से बारिश का दौर जारी है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसान बताया कि पहले वर्षा ने फसल को समय पर काटने नहीं दिया और अब तक हमने खेतों में फसल को काट लिया है. तो बारिश हो गई है। अब अगर आगे भी वर्षा जारी रहती है तो सोयाबीन की फसल भी खराब हो जाएगी। मानसूनी विदाई बेला में भी बरस रहा है। इससे फसलों को जबर्दस्त नुकसान हुआ है।




बारिश किन फसलो को होगा नुकसान


सोयाबीन:

अधिकांश जगह सोयाबीन की कटाई हो गई है व कही जगह अभी खेतो में खड़ी है लेकिन शुक्रवार को हुई बारिश के चलते फसल खराब होने का ज्यादा अनुमान है। किसानों ने बताया कटाई के बाद बारिश होने से दाने की रंगत बिगड़ेगी। फसल को नुकसान होगा। व मंडी में एक हजार से 12 सौ रुपए तक दाम कम मिलेंगे। वही बारिश मैं गीली हुई सोयाबीन की फसलों को खेतों से बहार लाने में लगता ज्यादा लगेगी क्योंकि खेतों में कटाई हुई फसलों को पलट कर खुखाने का काम करना होगा जिससे खेतों में मजदूरों की मजदूरी भी बढ़ेगी।



कपास:

इस बार कपास की उपज अच्छी थी, लेकिन तेज बारिश के चलते डेंडू सड़नेे का डर लगा हुआ है वही चुनाई योग्य कपास गीला हो गया। इसके कारण क्वालिटी में गिरावट आई है। इसका असर भाव पर होगा। किसानों को फिर निराशा हाथ लग सकती है।


मिर्च: 

वही अभी कही जगह गर्मी और बारिश होने के कारण मिर्ची की उपज पर वायरस ने अटैक किया है। मिर्ची का साइज छोटा हो रहा है। पौधे के ऊपरी हिस्से में पत्ते सिकुड़ गए हैं। इसके कारण पौधों की वृद्धि रुक गई है। वही दूसरी ओर लगतार बारिश से फूलों पर भी इसका असर पड़ रहा है।


मक्का:

इस बार सीजन में पहले ही मक्का की फसल अच्छी नहीं थी ओर ऊपर से बारिश होने से पक्के हुए मक्को के पौधों में पानी घुस जाने से मक्के की फसलो को भी नुकसान हो रहा है जिसे मक्के की फसल में अंकुरण होने का डर सता रहा है व दूसरी तरफ मक्के का बाजार भाव कब मिलेगा।




क्या करें किसान

एक और पहले ही बारिश ने किसानों को परेशान कर दिया है क्या करे किसान वही बारिश से खराब हुई सोयाबीन का भाव भी मंडियों ने सही नही मिलेगा किसान होता ही परेशानी के लिए पूरी जीवन काल ही परेशानी में गुजर जाता है वही लगातार बारिश होने से सरकार द्वारा खेतो में अभी तक नुकसान आकलन नही हुआ करे तो क्या करे क़ल अखबारों ने सरकारी तन्त्रो द्वारा बड़े शब्दो मे लिखा हुआ आयेगा के इतना बीमा मिला मगर जमीनीस्तर पर कुछ नही होता है।

अनिल कामदार सकतली 



किसानों को अभी बारिश से नुकसांन

जाते-जाते मानसून ने किसानों को रुला दिया वही अगली वैरायटी की फसलों के लिए यह बारिश काफी नुकसान दाई रहे इस बारिश ने किसानों की फसलों पर दाग लगा दिया है जिसके कारण कहीं जगह सोयाबीन अंकुरित हो गई तो कहीं जगह सोयाबीन दाग व गीली हो गई जिससे मंडियों में सही भाव नहीं मिलेगा वह आने वाली फसलों के लिए भी खेतों को सुधारने के लिए वक्त लगेगा वही मजदूरों का नहीं मिलना भी किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है वहीं जिले में पलायन के कारण मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं जिससे वह अपनी सोयाबीन की फसल नहीं कटवा पा रहे हैं वही हार्वेस्टर खेतों में डाल कर अपना नुकसान कर फसल कटवाने का काम करेंगे

रतनलाल यादव अनारद



फसलों की कटाई में होगी देरी

लगातार बारिश की वजह से सोयाबीन मक्का व अन्य तैयार फसलों को भारी नुकसान हो रह है। खेतों में तैयार सोयाबीन की फसल प्रभावित हो रही है। किसान तैयार फसलों को भी अब कुछ दिन नहीं काट सकेंगे क्यो भी खेतो में गिला पन है व कहि कटि हुई सोयाबीन खेतो में रखी हुई है ।ऐसे हालत में भयभीत किसान अब खेत में कटाई करने से भयभीत है। प्रकृति के मौसमी बारिश से किसानों का धैर्य टूटता नजर आ रहा है।

गोपाल गारिया बिलोदा 





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