सिंचाई जल उपलब्धता के आधार पर ही रबी फसलों की बुवाई का चयन करें, अन्य फसल की तुलना में सरसों फसल बुवाई करने से किसान अधिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे

आशीष यादव, धार 

धार में इस मर्तबा बारिश अपेक्षा के अनुरूप कम हुई हैं, ऐसे में आगामी दिनों में रबी फसलों की बोवनी का दौर शुरु होगा। जिसको लेकर कृषि विभाग द्वारा एक एडवाइजरी जारी की गई हैं, जिसमें किसानों को सलाह दी गई हैं, कि अगर उनके क्षेञ में कम बारिश हुई हैं, तो वे गेंहू की फसल की जगह अन्य फसलों का चयन करें। ताकि उन्हें नुकसान नहीं हो। इसको लेकर विभाग की ओर से बताया गया की सरसों की फसल लेने पर कई किसानों को अधिक लाभ प्राप्त हुआ है। जिसका फायदा अन्य किसान भी उठा सकते है।


पिछले साल से अधिक


उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास ने बताया कि जिले में इस वर्ष 764.0 एमएम वर्षा हुई है। गतवर्ष इसी अवधि में 654.6 एमएम वर्षा हुई थी । गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 108.5 एमएम वर्षा अधिक हुई है। वर्षा की स्थिति के अनुसार सिंचाई जल की उपलब्धता के आधार पर रबी फसलों की बोनी हेतु चयन करें। उन्होंने किसानों से कहा कि सिंचाई जल पर्याप्त होने पर गेहूं फसल का चयन करें। कम जल उपलब्ध होने पर सरसो, चना, मसूर, जलसी फसलो का चयन कर सकते है। तिलहन फसल के रूप में विशेष तौर पर सरसों फसल का चयन कर बुवाई कर सकते है। सरसो रबी की प्रमुख फसल है, इससे कम सिंचाई तथा कम लागत में दूसरी फसलो की अपेक्षा अधिक लाभ प्राप्त होता है। इसकी बुवाई प्रथम चरण माह सितम्बर अन्त सप्ताह से अक्टूबर के द्वितीय सप्ताह तक कर सकते है।


यूरिया की मात्रा दे अधिक


सरसों की बोवनी करने के पहले किसान भाई खेत की जुताई करके आधारित उर्वरक सिंचित क्षेत्र के लिए 60 किग्रा यूरिया, 100 किग्रा. सिंगल सुपर फास्फेट, म्यूरेट ऑफ पोटाश 15 किग्रा प्रति एकड़ दिया जाए। खेत की तैयारी करते समय सिंगल सुपर फास्फेट एवं पोटाश की बुवाई के पूर्व पूर्ण मात्रा एवं यूरिया की आधी मात्रा देवे । इसके पश्चात खेत मे क्यारी बनाकर सरसों बीज का 2 किग्रा प्रति एकड़ छिड़काव करें, छिड़काव के पश्चात तुरंत सिंचाई करें। सिंचाई के पश्चात लगभग 25 से 30 दिन में पौधे से पौध की एक निश्चित दूरी हेतु छटाई करे, छटाई के पश्चात प्रथम सिंचाई करते समय यूरिया उर्वरक की शेष मात्रा का छिड़काव करें। इसके पश्चात आवश्यकता अनुसार एक-दो सिंचाई कर सकते है। बुवाई हेतु उन्नत किस्म जैसे पूसा बोल्ड, लक्ष्मी, पायोनियर, आर. व्ही. एम-1 राज विजय सरसो-2 आदि प्रजाति का चयन कर सकते है। फसल की समय समय पर देख रेख कर निदाई गुडाई आदि समय पर करना आवश्यक है। अच्छी फसल होने की स्थिति मे 8 से 10 क्विंटल प्रति एकड़ उपज प्राप्त होती जो मंडी भाव के हिसाब से लगभग 52 से 58 हजार प्रति एकड़ आमदनी प्राप्त कर सकते है।



4 इंच अधिक बारिश


कलेक्टर कार्यालय की भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में अब तक गत वर्ष की तुलना में 04 इंच अधिक बारिश हुई है। पिछले साल अभी तक 654.6 यानी 26 इंच के करीब बारिश हुई थी, किंतु एक जून से अब तक जिले में औसत 764.1 यानी 30 इंच से अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है। साथ ही धार शहर में 33 इंच के करीब, नालछा में 34 इंच के करीब, तिरला में 34 इंच, पीथमपुर में 24 इंच, बदनावर में 38 इंच के करीब, सरदारपुर में 33 इंच के करीब, कुक्षी में 30 इंच, बाग में 27 इंच, डही में 24 इंच, निसरपुर में 27 इंच के करीब, मनावर में 32 इंच के करीब, उमरबन में 33 इंच, गंधवानी में 29 इंच, धरमपुरी में 25 इंच बारिश दर्ज की गई है। 



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