महू मानपुर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के ग्राम लिमडी खोदरा में अंतिम संस्कार करना भी है बेहद मुश्किल कार्य

 महू से आकाश कोहली की रिपोर्ट

 काली कीराई पंचायत के अंतर्गत आने वाला गांव लिमडी खोदरा में एक आदिवासी व्यक्ति राधेश्याम वसुनिया उम्र लगभग 45 वर्ष स्वर्गवास हो गया है। 

आज उनके शव को अंतिम संस्कार करने के लिए ले जा रहे थे तो ग्रामीण और बाहर से लोगों ने देखा तो श्मशान घाट पहुंचने के लिए तो रास्ता भी नहीं है।

श्मशान घाट तक जाने वाली पगडंडी भी ग्रामीणों के खेतों में होकर गुजरती है। श्मशान घाट में टिन शेड भी नहीं बना है जिसके चलते बरसात के दिनों में दा संस्कार में बहुत तकलीफ आती है और कभी-कभी घंटों वहां रुकना पड़ता है। स्थिति ऐसी भी आती है कि कुछ ग्रामीण तिरपाल पकड़ के खड़े रहते हैं, तब जाकर अंतिम संस्कार हो पाता है। ग्रामीणों ने बताया कि आज तो बारिश नहीं हुई पर जब बारिश गिरती है तब हमें बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

ऐसे में एक प्रश्न सबके दिमाग में आता है कि जब सरकार लाखों करोड़ों रुपए ग्राम पंचायतों मैं गांव के विकास करने के लिए भेजती हैं लेकिन देखा जाए तो कई जगह पर कागजों पर ही सब बन जाते हैं। 

इस ग्राम पंचायत और अन्य गांवों के लोगों का सरकार से आग्रह कि इस मामले में जितनी जल्दी हो सके उस पर कार्रवाई घर के यहां की व्यवस्थाएं सही करवाएं।  





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