दोषियों पर कारवाई क्यो नही:, वीडियो से मिली डेम की लगी जानकारी जिम्मेदार अधिकारी को पानी रिसने की नही थी जानकारी, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने उद्योग मंत्री दत्तीगांव के साथ किया मुआयना

आशीष यादव, धार 

जिले के भारूड़पुरा घाट स्थित ग्राम कोटिदा में कारम नदी पर बन रहे डेम में लीकेज और मिट्टी धंसने के बाद राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। इसके तहत डेम को धंसने से बचाने के लिए पहले पानी को खाली करने के लिए कवायद की जा रही है। इसके लिए पांच पोकलेन उतारी गई है, जिससे बांध के समीप एक रास्ता बनाया जा रहा है, ताकि पानी आसानी से निकल जाए और डेम खाली हो जाए। डेम का वॉटर लेवल कम होने पर ही बांध की मरम्मत का काम संभव हो जाएगा। इधर ग्रामीणें के कुछ वीडियो सामने आए है, जिसमें डेम निर्माण में की गई अनियमितता व लापरवाही को लेकर धार से लेकर भोपाल तक शिकायत करने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। नतीजतन आज 15 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।


इधर कारम डेम लीकेज की जानकारी मिलने के बाद पूरा प्रशासन मौके पर मौजूद है। दूसरी तरफ विभाग के मंत्री तुलसी सिलावट शुक्रवार को डेम पहुंचे और निरीक्षण किया है। इस दौरान डेम मरम्मत का काम युद्धस्तर पर करवाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्तीगांव भी मौके पर मौजूद थे। मंत्री दत्तीगांव शुक्रवार को डेम लीकेज की जानकारी मिलने के बाद ही मौके पर पहुंच गए और हालात पर नजर बनाए हुए है।


ग्रामीण ने लगाए गंभीर आरोप

यह वीडियो लोकेश सोलंकी का बताया जा रहा है। इसमें सोलंकी बता रहे है कि धार कलेक्टर से लेकर भोपाल में जिम्मेदार अधिकारियों तक इसकी शिकायत की गई। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। निर्माण के वक्त मिट्टी के साथ ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े-बड़े पत्थर तक डाले गए। इसके फोटो-वीडियो के साथ शिकायत की गई। लेकिन कोई झांकने तक नहीं आया। सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की जो वर्तमान में एलफोर पर लंबित है। ठेकेदार और विभाग की लापरवाही का खामियाजा आज ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।


अब तक कार्रवाई नहीं

इधर कारम डेम लीकेज मामले में अब तक कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। निर्माण की मॉनीटरिंग की जिन अफसरों पर जिम्मेदारियां थी, उनकी जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की मांग चौतरफा हो रही है। इस लीकेज ने सरकार की पूरे प्रदेश में किरकिरी करवाई है। लीकेज की जानकारी मिलने को १४ घंटे बीत चुके है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली है।


पूर्व मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट

इधर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कारम नदी डेम के लीकेज पर सवाल उठाते हुए सरकार का खिचाव किया है। साथ ही जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की बात कही है। गौरतलब है कि यह पूरा प्रोजेक्ट 304.44 करोड़ रुपए का है। इसमें डेम का निर्माण 100 करोड़ में किया जा रहा है, जो अब भी जारी था।


वाहनों की आवाजाही रूकवाई –

इधर एहतियात के तौर पर राऊ-खलघाट नेशनल हाइवे और नागदा-गुजरी स्टेट हाइवे से वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। बांध फूटने जैसी स्थिति से निपटने के लिए एहतियातन वाहनों को रोका गया है। साथ ही धार-खरगोन में राहत-बचाव की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है।

बड़ी संख्या में प्रशासन और मैदानी अमले को लोगों को निकालने में लगाया है। घरों पर ताला लगाकर लोगों को पहाड़ी पर जाने के निर्देश दिए जा रहे हैं ताकि जनहानि से बचा जा सके



खास-खास

– 304.44 करोड़ में बन रहा है बांध।

– 40.53 एमसीएम है बांध की जल संग्रहण क्षमता।

– 342.50 वर्ग किमी का कैचमेंट एरिया।

– 585 मीटर लंबा व 52 मीटर ऊंचा है बांध।

– 5 रेडियल गेट लगेंगे बांध में।

– 295 मीटर वर्तमान जलस्तर।


जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई:

भारूड़पुरा-गोठड़ा बांध मामले में जब जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट से बात की तो उन्होंने कहा इस मामले में पूरी जांच करवाएंगे ओर जिम्मेदार व लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा और उन पर कार्रवाई की जाएगी।~~तुलसीराम सिलावट जल ससाधन मंत्री मध्यप्रदेश 







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