डॉक्टर डे पर की लोकायुक्त ने महिला डॉक्टर के साथ बनाया नर्स को भी आरोपी बनाया आरोपी, डिलीवरी कराने के नाम पर मांगे थे 8 हजार रुपये

आशीष यादव, धार 

जहां एक ओर शुक्रवार को पूरे देश में डाक्टर-डे मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर सरदारपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ डाक्टर संगीता पाटीदार रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार हुई है। विश्व डॉक्टर डे पर महिला डॉक्टर ने स्वास्थ्य विभाग सहित डॉक्टरी के पेशे को शर्मसार किया है। महिला डॉक्टर को इंदौर लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेने के मामले में रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। महिला डॉक्टर ने अपने निवास पर ही पीड़ित को रुपए लेकर बुलाया था। पीडित ने जैसे ही रुपए डॉक्टर को दिए वैसे ही लोकायुक्त टीम ने कार्रवाई कर दी है। जिसके बाद आरोपी डॉक्टर के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। 

दरअसल ग्राम बीमरोड निवासी बेनु बाई नाम की महिला को डिलीवरी के लिए परिजन सरदारपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर आए थे, यहां पर पदस्थ स्त्री रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ डॉक्टर संगीता पाटीदार ने महिला के परिजनों से डिलीवरी करने के एवज में 10 हजार रुपयों की मांग रखी। जबकि शासकीय अस्पताल में डिलीवरी निशुल्क होती है। परिजनों ने महिला की स्थिति को देखते हुए रिश्वत देने की सहमति दी तथा डॉक्टर से रुपए कम करने के लिए कहा तो आरोपी महिला डॉक्टर 8 हजार रुपए में डिलीवरी करने की बात कही तथा 27 जून को महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म भी दिया। ऐसे में परिजनों ने 2 हजार रुपए महिला डॉक्टर को दिए व शेष रुपए शुक्रवार को देने की बात कही। इधर महिला डॉक्टर द्वारा रुपए के लिए दबाव बनाने पर पीड़ित परिवार की ओर से महेश डामोर ने रिश्वत मांगने की शिकायत इंदौर लोकायुक्त को की, जिसके बाद शुक्रवार सुबह लोकायुक्त टीम धार जिले के सरदारपुर पहुंची। निरीक्षक आशा सेजकर ने जानकारी देते हुए बताया कि शासकीय अस्पताल के पास में ही महिला डॉक्टर संगीता पाटीदार का निवास स्थान हैं, जहां पर महेश को रिश्वत के 6 हजार रुपए लेकर बुलाया था। इसी बीच टीम ने रंगे हाथों महिला डॉक्टर को रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। पीड़ित महेश के चचेरे भाई की पत्नी की डिलीवरी को लेकर महिला डाॅक्टर ने रुपए मांगे थे। 


सरकारी निवास पर ही क्लीनिक हो रहा संचालित -

शुक्रवार को हुई कार्रवाई के दौरान लोकायुक्त इंदौर की टीम जब महिला डॉक्टर के निवास पर पहुंची तो यहां पर डॉक्टर द्वारा क्लीनिक भी संचालित किया जा रहा था। जबकि महिला डॉक्टर शासकीय अस्पताल में पदस्थ है। इधर कार्रवाई के बाद बचने के लिए महिला डॉक्टर अपना मुंह छुपाती भी नजर आई है। कार्रवाई के दौरान पुलिस निरीक्षक आशा सेजकर, निरीक्षक विक्रमसिंह चौहान, उप निरीक्षक डाली गिरी, प्रधान आरक्षक प्रमोद यादव, आरक्षक अनिल परमार, आरक्षक आशीष नायडू मौजूद रहे। 



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