मैसेज आने के बाद लोग परेशान, टीकाकरण के लिए जिला अस्पताल केन्द्र पहुंचते हैं तो लौटा दिया जाता है खाली

 आशीष यादव, धार

12 से 18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण हुआ 99.1 प्रतिशत, धार टॉप-5 में शामिल

"आप प्रिकाशन डोज लगाने की अवधि में शामिल हो चुके है। प्रायवेट अस्पताल के के न्द्र पर जाकर अपना टीका लगवाना सनिशचित करें", -                                                                                                                        कुछ इस तरह के मैसेज शहर में 18 से 59 की उम्र के लोगों को पहुच रहे हैं। मैसेज आने के बाद लोग कोविड वैक्सीनेशन के प्रिकाशन डोज लगवाने के लिए परेशान हो रहे हैं।दरअसल धार के किसी भी निजी अस्पताल में वैक्सीनेशन का कार्य नहीं किया जा रहा है। लोगों के पास टीका लगाने का कोई विकल्प नहीं बचा है।

सरकारी केन्द्रों पर जाने पर उन्हें खाली हाथ लौटाया जा रहा है। इस तरह की स्थितिया उतपन्न होने के बावदूत अभी तक जिला प्रशासन या स्वास्थ्य प्रशासन की और से निजी अस्पतालों के साथ सवाद कायम कर केन्द्र प्रारंभ करने की कोई कवायद नहीं की गई है।बढ़ने लगे हैं कोविड मरीज देश की राजधानी दिल्ली में कोविड के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अन्य हिस्सों में भी संक्रमित लोगों के मिलने का सिलसिला जारी है। ऐसी परिस्थिति में प्रदेश के मख्यमुत्री शिवराजसिंह चौहान ने बैठकों के माध्यम से टीकाकरण शत प्रतिशत सनिश्चित करने के लिए निर्शिदे त किया है। धार जिले में टीकाकरण में स्वास्थ्य विभाग ने बेहतर काम किया है। अलग-अलग आय श्रेणी में 35 लाख से अधिक टीके लगाए जा चुके है। बच्चों के टीकाकरण में 99.1 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल करते हुए प्रदेश के टॉप-5 जिलों की रैंक में शामिल है।

तमाम बेहतर स्थितियों के बावजूद प्रिकाशन डोज लगाने को लेकर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब जरूरत स्वयंसेवी संस्थाओं की धार में सरकारी टीकाकरण के दौरान जिले के प्रतिष्ठित सामाजिक स्वयं सेवी संस्थाओ से लेकर सथानीयसमितियों ने कै म्पों के माध्यम से शत प्रतिशत टीकाकरण के लिए जमकर काम किया। प्रिकाशन डोज लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। विशेषकर ऐसे लोगों के लिए जिन्हें कोरोना संक्रमण हो चुका था और दिक्कतों के बाद ठीक हुए है। ऐसे लोगों को निजी अस्पतालों में प्रिकाशन डोज लगे इस काम में स्वयं सेवी संस्थाएं भी जिम्मेदारी निभा सकती है। फिलहाल ना प्रशासन प्रायवेट अस्पतालों के केन्द्र प्रारंभ करवाने के लिए कदम आगे बढ़ा रहा है ना हीस्वयं सेवी संस्थाओ की कोई सवाद भूमिका दिख रही है। उल्लेखनीय है कि अभी इंदौर में 5-6 बड़े निजीअस्पतालों में टीकाकरण किया जा रहा है। धार के लोगों के पास इंदौर जाकर टीका लगाने का विकल्प मौजूद है। दिक्कत ऐसे वर्ग की है जो दिहाड़ी है या प्रायवेट जॉब से जुड़ा हुआ है और काम छोड़कर नहीं जा सकता है। 




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