मंदिर की भूमि पर पार्किंग बनाने के लिए अब किराएदारों की दुकानें ढहाई, शहर के मध्य क्षेत्र राजबाड़ा में गणपति मंदिर की भूमि पर बनेगा पेड पार्किंग, दो दिन में करीब 15 गुमटियां हटाई , कुछ मंदिर के किरायेदार भी शामिल

आशीष यादव, धार

शहर के व्यस्ततम व्यवसायिक स्थल राजबाड़े पर अब वाहन पार्किंग की सुविधा मिलने लगेगी । नगरपालिका द्वारा पेड पार्किंग प्लान पर काम किया जा रहा है । इसी के तहत राजबाड़ा चौक पर मार्ग को अवैध गुमटियां रखकर बाधित करने वाले दुकानदारों को हटाया गया है । इस मार्ग से गुमटियां हटने के बाद अब चौपहिया वाहन निकलने की जगह हो गई है । इसी मार्ग से सटकर प्राचीन दर्गाविनायक गणपति मंदिर की खुली भूमि भी है । इस भूमि को पार्किंग के लिए उपयोग में लिया जाएगा । संगीत महाविद्यालय के सामने से मंदिर भूमि के ओटले पर जाने के लिए रैम्प बनाया जाएगा । इसके पूर्व इस पर पैवर्स लगाकर इसे सुव्यवस्थित किया जाएगा । 


पाईप हटेंगे , ठेलों को कतारबद्ध करेंगे 

शहर का राजबाड़ा चौक अधिकारियों के प्रयोग की शाला बन गया है । सौंदर्यीकरण के नाम पर यहां पर नगरपालिका ने पाईपों की चार दीवारी बनाकर ठेले - गुमटी वालों को व्यवसाय के लिए स्थान दे दिया था । यहां पर करीब 30-40 से अधिक ठेले वाले अपना व्यवसाय करते हैं । यह क्षेत्र फुड झोन में तब्दील हो गया है । ठेले वालों को अब फिर से नई व्यवस्था से खड़ा किया जाएगा ।

इसके बाद शेष भूमि रिक्त होने पर चौक में भी दुपहिया वाहन पार्किंग करवाने की प्लानिंग की जा रही है । मंगलवार शाम को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई का फीडबैक लेने पहुंचे सीएमओ निशिकांत शुक्ला ने इंजीनियर राकेश बैनल को यह निर्देश दिए हैं । निकाय यहां पर सौंदर्यीकरण के तहत लगाए गए पाईप वॉल को भी हटाने की तैयारी कर रहा है । 


एक घर कई ठेले कुछ किराए पर 

राजबाड़ा चौक में एक ही परिवार के द्वारा कई से सिर्फ दुपहिया वाहन ही गुजर पा रहे थे । कुछ समय पूर्व कलेक्टर डॉ पंकज जैन रिकार्ड बिल्डिंग पहुंचे थे । इस दौरान उन्होंने इस तरह की स्थिति देखने के बाद मार्ग से अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देशित किया था । इस कड़ी में सोमवार को दुकानदारों को गुमटियां हटाने के लिए चेतावनी दी गई थी । इसके बाद भी गुमटियां ना हटी तो मंगलवार को निकाय के अमले ने गुमटियां हटवाई । 


मंदिर नहीं बना बनेगा पार्किंग 

प्राचीन दुर्गा विनायक गणिपति मंदिर करीब 150 वर्ष पुराना है । इसे राजवंश परिवार द्वारा स्थापित करवाया गया था । चार - पांच वर्ष पूर्व आगजनी के बाद मंदिर का एक जीर्णशीर्ण हिस्सा ढहा दिया गया था । इसके बाद उक्त हिस्से की रिक्त भूमि पर पुर्ननिर्माण और सौंदर्यीकरण के लिए करीब ढ़ाई करोड़ रुपए धर्मस्व एवं अध्यात्म विभाग से मांगे गए थे । राशि आज तक नहीं मिली है । इस मंदिर भूमि को अब प्रशासन पार्किंग के उपयोग में लेने वाला है । चूंकि मंदिर धर्मादा ट्रस्ट अधीन है और कलेक्टर इसे पदेन अध्यक्ष है । ऐसी स्थिति में उनके निर्णय के आगे प्रश्न करने के लिए कोई भी जनप्रतिनिधि या धार्मिक संगठन आगे नहीं आया है ।


दुकानदार बोले किराए की रसीदें है कलेक्टर ने कहा कुछ नहीं हो सकता

अतिक्रमण हटाने की मुहिम की आड़ में मंगलवार को नगरपालिका ने धर्मादा ट्रस्ट अधीन गणपति मंदिर की जमीन पर व्यवसाय करने वाले दुकानदारों की गुमटियां भी हटवा दी है । सोमवार तक इन्हें हटने के लिए कोई सूचना नहीं दी थी । मंगलवार सुबह नगरपालिका के अमले ने इन्हें हटने के लिए कहा । इधर कई लोग कलेक्टर के समक्ष भी पहुंचे थे । कुछ दुकानदारों ने किराये की रसीदें होने की दलीलें दी । कलेक्टर ने कहा कि जब देना थी तब दुकानें दी थी । अब हमें स्थान की जरूरत है । इधर प्रभावित दुकानदारों ने कई दलीलों के माध्यम से गुमटियां बचाने की कोशिश की , लेकिन कलेक्टर ने कहा कुछ नहीं हो सकता दुकानदार बोले कि नोटिस तक नहीं दिया गया । तमाम बाते निरर्थक साबित हुई । इसके बाद दुकानदार स्वयं दुकान खोलने लगे । इधर दोपहर से प्रारंभ हुई दुकान खोलने की कार्रवाई शाम तक पूरी ना होने की स्थिति को देखते हुए सायं साढ़े 5 बजे नपा सीएमओ निशिकांत शुक्ला राजबाड़ा चौक पहुंचे । उसके बाद जेसीबी के पंजे से किरायेदारों की दुकानें हटा दी गई । इसके पूर्व दुकानदारों ने दुकान का सामान समेट लिया था । 



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