दास गैंग का फर्जीवाड़ा होगा प्रमाणित, पुलिस को मिले स्टेट समय के राजपत्र~ आशीष यादव, धार

 मामला 250 करोड़ के भूमि घोटाले का......

दास गैंग का फर्जीवाड़ा होगा प्रमाणित, पुलिस को मिले स्टेट समय के राजपत्र

पंवार राजवंश के सदस्य पूर्व विधायक करणसिंह पंवार से पुलिस ने लिए दस्तावेज, 3 घंटे बंगले पर रहकर समझी पंवार राजवंशावली  

धार। 

धार स्टेट में पंवार राजवंश के सदस्य पूर्व विधायक व भाजपा नेता करणसिंह पंवार के यहां धार पुलिस ने करीब 3 घंटे तक बंगले पर मौजूद रहकर चर्चा की है और स्टेट समय के दस्तावेजों के भी देखा है। पुलिस ने श्री पंवार के सहयोग से उनकी धरोहर के रूप में संरक्षित स्टेट समय के राजपत्र उनसे लिए हैं। यह राजपत्र 250 करोड़ के भूमि घोटाले में पुलिस के लिए साक्ष्य के तौर पर मददगार साबित होेंगे, ऐसी संभावनाएं जताई गई है। शनिवार को डीएसपी यशस्वी शिंदे, सीएसपी देवेन्द्र धुर्वे और टीआई समीर पाटीदार ने सायं करीब 4 बजे पहुंचकर सायं 7 बजे तक पूर्व विधायक से चर्चा की। इस दौरान उनसे यह भी समझा गया है कि बाहर से आए दास परिवार को इतनी बड़ी भूमि जनकल्याण हितार्थ किस तरह सौंपी गई थी। किस तरह के संबंध दास परिवार और स्टेट के महाराज के थे।  

महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले

उल्लेखनीय है कि जनकल्याण हितार्थ कार्यों हेतु पंवार स्टेट से दान में मिली करीब 250 करोड़ की (वर्तमान कीमत) की भूमि अफरा-तफरी मामले में पुलिस अब साक्ष्यों को और पुख्ता करने के लिए प्रत्येक प्रमाणित दस्तावेज तक जुटाने में लगी है। पुलिस ने भूमि फर्जीवाड़े मामले में जो अपराधिक प्रकरण दर्ज किया है उसका मुख्य आधार भूमि दास परिवार की नहीं होना बताते हुए इसे दान में मिली भूमि और दास को केयर टेकर माना   है। दर्ज प्रकरण में भी पुलिस ने 1895 में भूमि दान में मिलना बताया है। इस महत्वपूर्ण साक्ष्य को लेकर पुलिस के पास प्रमाणित दस्तावेज है, लेकिन केस में शासन की भूमिका को मजबूती के साथ रखने के लिए साक्ष्य एकत्रिकरण के तहत स्टेट टाईम के गजट (राजपत्र) लिए गए हैं। सूत्रों की माने तो पुलिस के हाथ महत्वपूर्ण दस्तावेज लगा है जिससे कोर्ट में प्रमाणित हो जाएगा कि विवादित भूमि दान में ही दी गई थी। इसका उल्लेख राजपत्र में होना बताया जा रहा है। इसमें प्रायोजन भी लिखा गया है।

फरार अपराधियों का सुराग नहीं

भूमि घोटाले में अभी भी मुख्य आरोपितों में शामिल सुधीर शांतिलाल को पुलिस 55 दिन बाद भी नहीं ढूंढ पाई है। इनाम घोषित फरार आरोपितों का तलाशने का जिम्मा क्राईम ब्रांच को सौंपा गया है, लेकिन पिछले डेढ़ माह में क्राईम ब्रांच को कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है। सिर्फ सुधीर ही नहीं बल्कि इस मामले में अभी भी फरार करीब एक दर्जन आरोपितों में किसी का भी सुराग नहीं लगा है।

इनका कहना है

पुलिस विभाग के अधिकारी स्टेट टाईम के गजट देखना चाहते थे, इसलिए आए थे। उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की है। जो जानकारियां हमें थी हमने पुलिस को दी है। हमारे पास 1874 के स्टेट टाईम के राजपत्र भी संरक्षित थे। पुलिस को जो आवश्यक लगे उनके मांगने पर उन्हें दिए गए हैं।

-करणसिंह पंवार, पंवार राजवंश के सदस्य व पूर्व विधायक धार

भूमि अफरा-तफरी केस में हमें कुछ स्टेट टाईम के दस्तावेजों की आवश्यकता थी। हमने श्री पंवार से निवेदन किया। उन्होंने सहयोग देते हुए हमें स्टेट टाईम के राजपत्र उपलब्ध कराए हैं। इनको देखने के पश्चात ही इस मामले में आगे कुछ बता पाएंगे। फिलहाल सब जांच के पहलु है।

-समीर पाटीदार, टीआई कोतवाली धार





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