टंट्या मामा पर लिखी पुस्तक का मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने किया विमोचन

 मानपुर I  आज मानपुर नगर में एक गरिमापूर्ण कार्यक्रम में मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी टंट्या भील जिन्हें प्यार से लोग टंट्या मामा कहते हैं पर लिखी एक पुस्तक का विमोचन किया. पुस्तक प्रख्यात आदिवासी साहित्यकार जगदीश जोशीला ने लिखी है. 


 इस अवसर पर सुश्री ठाकुर के अलावा कई गणमान्य जन और आदिवासी समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे और सभी ने मुक्त कंठ से उषा दीदी और पुस्तक के लेखक की प्रशंसा की. 


 इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए सुश्री ठाकुर ने कहा कि उक्त पुस्तक समाज को बहुत अच्छा संदेश देती है और देश की आजादी में आदिवासी समाज के योगदान के बारे में भी बताती है.


यहां हम आपको यह बता दें कि टंट्या मामा एक ऐसे व्यक्ति थे जिनसे अंग्रेज भी डरते थे. स्वतंत्रता की उस लड़ाई को जारी रखने के लिए धन की आवश्यकता होती थी, साथ ही हथियारों और अन्य संसाधनों की आवश्यकता होती थी और उस जमाने में उत्तर से या मध्य भारत से दक्षिण की ओर जाने का एकमात्र रास्ता खंडवा होकर ही था जिसमें पातालपानी, कालाकुंड स्टेशन पड़ते थे. इसी पहाड़ी अंचल का फायदा उठाकर टंट्या मामा उन ट्रेनों को लूट लेते थे और उससे गरीबों का भला करते थे, साथ ही आजादी की मशाल को जलाए रखते थे.


एक बार की कहानी है की टंट्या मामा जो पूरी ब्रिटिश हुकूमत के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बन गए थे को ढूंढने के लिए एक पूरी बटालियन एक अग्रेज अधिकारी के साथ पातालपानी कालाकुंड के जंगलों में भेजी गई. काफी दिनों की मशक्कत के बाद भी टंट्या मामा को वे लोग पकड़ना तो दूर, ढूंढ पाने में भी कामयाब नहीं हो पा रहे थे. ऐसी स्थिति में एक दिन जब ब्रिटिश अधिकारी एक पेड़ के नीचे सो रहा था, उस समय टंट्या मामा उसके पास आए और कुछ संदेश उसके पास देकर चले गए. जब वह उठा और उसने उनका संदेश देखा तो वह पहले तो आश्चर्य में पड़ गया कि इतनी बड़ी घेराबंदी के बाद भी उस तक टंट्या मामा कैसे पहुंचे और बाद में वह इतना डर गया कि पूरी बटालियन को लेकर वहां से भाग निकला.


कहा जाता है कि टंट्या मामा के पास देवी शक्ति भी थी. इस बारे में एक बात प्रचलित है टंट्या मामा के गुरु थे उतकरण बाबा जिनका मंदिर आज भी पातालपानी वॉटरफॉल के पास में स्थित है और आज भी हजारों लोग श्रद्धा से वहां आते हैं और दर्शन करके जाते हैं। उन्हीं उतकरण बाबा के आशीर्वाद से टंट्या मामा को शक्तियां प्राप्त थी. यह और ऐसी कई बातें आपको इस पुस्तक में पढ़ने को मिलेंगी.



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