11 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण ममलेश्वर के प्रवेश द्वार पर जाने का मार्ग को छोड़ निकासी द्वार पर पुल उतारा

ओंकारेश्वर ( नि प्र ) तीर्थ नगरी ओकारेश्वर की त्रिपुरी ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों मंदिरों में दर्शन सुलभ हो इस हेतु मध्य प्रदेश शासन के पर्यटन विकास निगम के द्वारा लगभग 11 करोड़ की लागत से आकाशी पुल का निर्माण किया गया था जिसमें संबंधित विभाग के आर्किटेक्ट व अन्य अधिकारियों द्वारा किया गया सर्वे अनुसार पुल का निर्माण नहीं करते हुए मनमानी पूर्ण तरीके से किए गए निर्माण वह बढ़ाई गई दूरी के चलते 5 करोड़ में बनने वाला पुल बड़े-बड़े पिलर एवं घुमा के लेने के कारण 11 करोड़ में पहुंच गया उसके बावजूद भी ब्रह्मपुरी मैं ब्रह्मा जी का मंदिर एवं विष्णुपुरी पुरी क्षेत्र में विष्णु जी के मंदिर पर पुल व्यवस्थित रूप से आया किंतु ज्योतिर्लिंग ममलेश्वर जाने के प्रवेश द्वार के बजाय निकासी द्वार पर पुल के पिलर को ले जाकर समाप्त किया जिसका कोई औचित्य नजर नहीं आ रहा इससे वृद्ध विकलांग और सीढ़ी नहीं चढ़ने वाले लोग विष्णु मंदिर ब्रह्मा जी के मंदिर के अलावा ज्योतिर्लिंग ममलेश्वर में नहीं पहुंच पाएंगे वैसे भी को विड-19 के चलते निकासी द्वार को पूरी तरह बंद कर दिया गया है मात्र एक मार्ग ही बचा है ब्रम्हपुरी क्षेत्र के लोगों ने बताया कि ज्योतिर्लिंग ममलेश्वर जाने के लिए अभी भी हनुमान जी एवं कपिलेश्वर मंदिर महादेव के पास से लोहे से निर्मित पुल को उतारकर मुख्य मार्ग से जोड़ा जाता है तो ज्योतिर्लिंग ममलेश्वर में जाने हेतु इस पुल का औचित्य होगा जानकार सूत्रों ने बताया कि आर्किटेक्ट की मनमानी के चलते करोड़ों रुपए की लागत से बना पुल मनमानी की भेंट चढ़ेगा वर्तमान पुल का कार्य लगभग 75% पूर्ण हो चुका है ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के पुजारी दूल्हे सिंह ने भी बताया कि कपिलेश्वर मंदिर के यहां से पिल्लर अगर जोड़ा जाता है तो ममलेश्वर आने वाले लोगों को इसका लाभ मिलेगा तथा भोलेनाथ पर विष्णु पूरी ब्रह्मपुरी और शिवपुरी से लोग सीधे ज्योतिर्लिंग मंदिर आ पाएंगे



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