सरकारे बदली पर नही बदली नगर परिषद ओंकारेश्वर की व्यवस्था  

विश्व प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर की महत्वपूर्ण नगर परिषद भगवान ओकारेश्वर के भरोसे संचालित हो रही है सरकारें बदल गई पर नहीं बदली यहां की व्यवस्थाएं चुनिंदा जनप्रतिनिधियों को बड़ी उम्मीद से नगर परिषद ओकारेश्वर के 15 वार्डों की जनता ने चुनकर इस उम्मीद से बैठाया था कि नगर के विकास के साथ शासन की विभिन्न विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ के साथ कीसी प्रकार और असुविधा कार्यालय जाने के बाद नहीं होगी पर विडंबना कहें या दुर्भाग्य नगर परिषद ओकारेश्वर में मुट्ठी भर कर्मचारी के भरोसे चल रही। ओकारेश्वर नगर परिषद के 15 वार्डों में टूटी फूटी सेवाओं के साथ अव्यवस्था का केंद्र बनी तीर्थ नगरीओकारेश्वर मे छोटे-छोटे कार्यो के लिए भी कार्यालय के चक्कर लगा लगा कर परेशान नगर वासियों ने दुख व्यक्त करते हुए कहा जिस उम्मीद से जनप्रतिनिधियों को यहां बैठाया वह नियमित कर्मचारी तक लाने में सक्षम नहीं है वाद विवाद अन्य नामांतरण व आपसी विवादों के बीच घिरी रहने वाले ओकारेश्वर के जनप्रतिनिधियों के ही कार्य के लिए सांसद एवं विधायक के फोन लगवाना पड़ते हैं इसे क्षेत्र का दुर्भाग्य कहें या जनप्रतिनिधियों की मनमानी या अक्षम जनप्रतिनिधि जनता द्वारा पुनः चुनकर भेजे जाने के कारण कई लोगों के कार्य अभी भी कार्यालय की फाइलों में धूल चाट रहे नाम नहीं छापने की शर्त पर वार्ड के निवासियों ने कहा कार्यालय में केवल उन्हीं लोगों के कार्य हो रहे हैं जो जनप्रतिनिधियों की सेवा चाकरी व अधिकारी को खुश कर सकते हैं मुट्ठी भर नियमित कर्मचारी यहां पर सेवाएं दे रहे हैं तो कुछ मास्टर एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपनी टूटी फूटी सेवाएं देकर समय पास कर रहे हैं। यहां कार्य कर चुके कई ठेकेदार यहां इतने परेशान हो गए हैं कि कार्य करना ही नहीं चाहते ठेकेदार ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा जैसे-तैसे कार्य करो भुगतान के लिए बिल लेने के लिए लेखा शाखा तक पहुंचने के पूर्व कभी सरकार बदल जाती है तो कभी सीएमओ व अन्य अधिकारी फिर वही बिल लेने की प्रक्रिया काम करने का इच्छा खत्म हो जाती है जितने का भ्रष्टाचार नहीं उससे ज्यादा वितरण से परेशान सरकारें बदल जाती है सीएमओ बदल जाते हैं पर व्यवस्था नहीं बदलती हर जनप्रतिनिधि पार्षद अपनी पसंद का सीएमओ पदस्थ करने के लिए अपने-अपने आकाओं तक एड़ी से चोटी का जोर लगाने में समय व्यतीत कर देता है मध्यप्रदेश शासन ने ओकारेश्वर को कभी गंभीरता से नहीं लिया भी तकनीकी शाखा राजस्व शाखा लेखा शाखा सामान्य प्रशासन विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों में मास्टर वा दैनिक कर्मचारी काम कर रहे हैं तो सोचो नगर परिषद ओकारेश्वर की स्थिति कितनी अच्छी होगी स्थिति इतनी बदतर है कि हर महा एक कर्मचारी सेवानिवृत्ति ले रहा है मई माह में राजस्व निरीक्षक महेश चोकसे सेवानिवृत्त हुए 30 जून को किशनलाल चेतन राजस्व विभाग के राजस्व निरीक्षक सेवानिवृत्त होंगे राजस्व विभाग में मात्र दो तीन कर्मचारी शेष बचे हैं मांधाता विधायक नारायण पटेल सांसद नंदकुमार सिंह चौहान को कई बार गणमान्य नागरिक को जनप्रतिनिधि पत्रकारों ने नगर परिषद ओकारेश्वर में अच्छे सुलझे हुए कर्मचारी भेजने की मांग की जिसे जनप्रतिनिधि जिम्मेदारों ने भी गंभीरता से नहीं लिया जिससे ओमकारेश्वर की छवि भी खराब हो रही है विवाद और विवादों में रहे किशनलाल चेतन को येन केन प्रकारेण तरीके से सीएमओ अध्यक्ष परिषद द्वारा बहाल किया गया था जो 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं कर्मचारी बढ़ाना तो दूर कर्मचारियों की कमी से ओकारेश्वर सावन के महीने में किस प्रकार निकाय के जिम्मेदार व्यवस्था संभाल पाते हैं चर्चाओं का विषय बना हुआ है


ओकारेश्वर में विभिन्न विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत नगर परिषद ओकारेश्वर द्वारा चल रहे करोड़ों के विकास कार्य तकनीकी शाखा के जिम्मेदारों की लापरवाही की भेंट चढ़े हुए हैं इस शासन के पैसे का जहां दुरुपयोग हो रहा है वहां आम जनमानस को लाभ नहीं मिल पा रहा है संपूर्ण कार्यों की निष्पक्ष जांच की मांग नागरिकों ने की है



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