यह तो रेत का अवैध परिवहन ही है?* *रात के अन्धेरे से लेकर,अल सुबह तक रेत के ओवरलोडिंग वाहन चलते है।* जिम्मेदार मौन क्यों?

*यह तो रेत का अवैध परिवहन ही है?*
*रात के अन्धेरे से लेकर,अल सुबह तक रेत के ओवरलोडिंग वाहन चलते है।* जिम्मेदार मौन क्यों?
*बाग*/–लाकडाउन के दौरान ही,रेत के अवैध धंधों के खेल, संम्बन्धित मय प्रमाण एक पोस्ट डाली गई  थी।उस मुद्दे पर धार जिला खनिज अधिकारी खेतडिया से बाग के जागरुक पत्रकार बृजजाजू की मोबाइल पर उनका ध्यान आकृष्ट कर,उनके पक्ष को जानना चाहा,तो उन्होंने गोलमाल उत्तर देकर,रेत माफियाओं की चैनल गैंग को ही संरक्षण देते नजर आये।उनका कहना था कि,जो रेत परिवहन हो रही है,वह शासकीय कार्यो के लिए, नियमानुसार हो रही है।जब उनसे पूछा गया कि पिछलें एक सप्ताह से,प्रतिदिन 70 से 80 ट्रक, जिसमे हायवा,ट्राले,ट्क,जो कि क्षमताओं से अधिक वाहनों मे 12 से 25 – 30 टन तक अधिक लोडेड वाहनों से  परिवहन हो रहा है।ये वाहन सर्वाधिक राजगढ़, धार व पीथमपुर तक जा रहे है।
जैसा खनिज अधिकारी खतेडिया का कहना है कि म.न.रे.गा.व अन्य कार्यो पर रेत लग रही है,तो लगता है  उनको,योजनाओं का अध्ययन ही नही है।शासन की योजनाओं के बहाने, वे रेत माफियाओं को संरक्षण देते नजर आ रहे है। 
बताया जाता है कि,कुक्षी, बाग टाण्डा, राजगढ़,धार और पीथमपुर मे,रेत परिवहनकर्ताओं की एक एक फर्म के पास रेत परिवहन के विभिन्न श्रेणी के वाहन,जिसमें  हायवा,डम्पर ,ट्राले, ट्रक,पाँच से अधीक है,और ये सब एक माफिया गैंग की तरह, आलीराजपुर से लेकर पीथमपुर तक जिला प्रशासन से लेकर पुलिस थाने, चौकीयों पर,माहवारी एडजस्टमेंट के माध्यमों से करतें नजर आ रहें है।इस अवैध धंधेबाजों का जमा जमाया खेल है।सट्टे के व्यापार की तरह प्रति माह इस वैध–अवैध, रायल्टी मे दर्ज,क्षमताओं से अधिक  परिवहन का सडको पर बिना रोकटोक,शिकायतकर्ता को दर किनार कर,उनका इस   परिवहन से व्यापार चल रहा है,तो निश्चित माना जा सकता है कि,इन प्रकरणों में,अवैध तरीकों के भूगतान होने की खबरों से इंकार नही किया जा सकता है? 
क्या कारण है कि धार जिला खनिज अधिकारी यह कहते है,सरकारी कार्यों पर ही रेत का परिवहन हो रहा है।जिलों मे ऐसे कौनसे,करोड़ों–अरबों के रेत संबंधित ही कार्य हो रहे है कि,क्या प्रतिदिन जिले के राजगढ़,धार,पीथमपुर मे ही लगभग 70–80 ट्राले हायवा खप जाते है,यह उनका जवाब पत्रकारों को गुमराह करने वाला ही है।उनका जो  उत्तर है,वह रेतमाफियाओं को संरक्षण देना स्पष्ट नजर आ रहा है।
वही इस मार्ग पर पड़ने वाले पुलिस थानों पर भी ध्यानाकर्षण करनें पर, पुलिस का टालमटोल रवैया क्या संदेश देता है?सहज समझा जा सकता है।
क्या अब भी इन रेतमाफियाओं को संरक्षण देकर,शासन की मंशाओं के विरुद्ध यह अवैध धंधे व धंधेबाज कुकुरमुत्तों की पनपने में,प्रशासन का संरक्षण जारी रहेगा?



 


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