नई दिल्ली। मध्यप्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? प्रदेश में यह प्रश्न सबके जेहन में चल रहा है, फिर चाहे वो बीजेपी हो या कांग्रेस या अन्य दल। मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफे से पहले लग रहा था कि प्रदेश का अगले मुखिया शिवराज सिंह चौहान होंगे। पर शनिवार को ज्योतिरादित्य की सलाह ने गाड़ी की दिशा किसी और चेहरे की तरफ घुमा दी है। शनिवार के राजनीतिक हालात के विश्लेषण नरेंद्र सिंह तोमर के चेहरे के इर्द गिर्द ही घूमते रहे। हालांकि वो शुक्रवार को कह चुके हैं कि वो मुख्यमंत्री की रेस में शामिल नहीं है।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही बीजेपी की सरकार बनने की कवायद शुरू हो गई। बीजेपी ने 15 वर्षों तक सत्ता में राज करने के सत्ता से बेदखल हुई थी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी का चुनाव बहुत कम अंतर से हारने की प्रमुख वजह प्रदेश में नेतृत्व की कमान थी। अंतिम के कुछ वर्षों में मध्यप्रदेश की जनता के मन में शिवराज के प्रति नाराजगी ज्यादा थी। विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री ने कई मंचों से जिस तरह से विवादास्पद बयानबाजी की वो पार्टी के वोट प्रतिशत को कम करने की प्रमुख वजह रही। परिणाम यह रहा कि पार्टी बहुमत के आंकड़े से कुछ कदम ही दूर रह गई।
पंद्रह महीने बाद ज्योतिरादित्य के कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने से मध्यप्रदेश का सारा राजनीतिक घटनाक्रम ही बदल गया। ज्योतिरादित्य समर्थक 22 विधायकों ने कांग्रेस पार्टी से एकसाथ इस्तीफा देकर कमलनाथ सरकार को बहुमत के आंकड़े से काफी पीछे धकेल दिया। काफी जद्दोजहद के बाद कमलनाथ ने स्वीकार किया कि उनकी सरकार अल्पमत में है। और उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। कमलनाथ के इस्तीफा सौंपते ही बीजेपी ने सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी।
बीजेपी मध्यप्रदेश में उपचुनाव न हो जाने तक बहुमत में है। सरकार बनाने के जादुई आंकड़े को पार कर रही है। पर बीजेपी के सामने वर्तमान में अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि पार्टी की तरफ से प्रदेश का मुखिया कौन होगा? मीडिया में कमलनाथ की सरकार गिरने से पहले ही बीजेपी की तरफ से कई नाम उछलते रहे। पर सुईयां तीन नामों पर अटक गई। पहला पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, दूसरा नरोत्तम मिश्रा और तीसरा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर। इन तीनों चेहरों पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का पलड़ा सबसे ज्यादा भारी पड़ रहा है।
विश्वस्त सूत्रों की माने तो केंद्रीय नेतृत्व ने नरेंद्र सिंह तोमर के नाम पर मुहर लगा दी है। वो मंगलवार को पार्टी की बैठक में सर्वसम्मति से विधायक दल के नेता चुन लिए जाएंगे। नरेंद्र सिंह तोमर को चुनने की प्रमुख वजह है ज्योतिरादित्य सिंधिया की सहमति और हाईकमान का विश्वास। सूत्रों की माने तो कमलनाथ सरकार को अल्पमत में लाने में सबसे ज्यादा भूमिका केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की रही है। इसके अलावा हाईकमान मध्यप्रदेश में चेहरा बदलना चाहता है।
मुख्य खबर नरेंद्र सिंह तोमर होंगे मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री
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