कांग्रेस सांसद अहमद पटेल को आयकर विभाग ने किया तलब

दिल्ली। आयकर विभाग ने गुजरात से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल को समन भेजकर पूछताछ के लिए तलब किया है। आयकर अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पटेल को यह समन पार्टी फंडिंग के लिए किए गए लेनदेन में कथित कर चोरी से जुड़ी जांच के मामले में भेजा गया है। अधिकारियों के मुताबिक, पटेल को निजी तौर पर पेश होने के लिए नया नोटिस भेजा गया है। उन्हें कांग्रेस के कोषाध्यक्ष की हैसियत से तलब किया गया है। पटेल की तरफ से इस नोटिस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। इससे पहले पटेल ने फरवरी में पेश होने के लिए भेजे गए पहले समन के जवाब में आयकर विभाग को अपना स्वास्थ्य खराब होने की जानकारी दी थी। अब उनके विभागीय अधिकारियों के सामने अगले माह पेश होने की संभावना है। अधिकारियों ने कहा, विभाग पटेल से पूछताछ के जरिये कांग्रेस की आय, चंदे और खर्च को समझना चाहता है। साथ ही उनसे पार्टी की उस कथित फंडिंग से जुड़े दस्तावेजों को लेकर भी सवाल पूछना चाहता है, जिन्हें  आयकर विभाग ने पिछले साल मध्य प्रदेश, तेलंगाना व आंध्र प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर छापे मारकर बरामद किया था। विभाग को इन लेनदेन में अनियमितता का संदेह है और वह अतीत में करीब एक दर्जन पदाधिकारियों से इस बारे में पूछताछ भी कर चुका है। समन से नाराज पटेल ने कहा, भाजपा का चंदा जांचे आयकर विभाग आयकर विभाग की तरफ से समन भेजे जाने से नाराज कांग्रेस सांसद अहमद पटेल ने इसके लिए भाजपा निशाना साधा। उन्होंने कहा, वह समन देखकर हैरान हैं। हमारे खाते पूरी तरह पारदर्शी हैं। बेहतर होगा आयकर विभाग भाजपा को मिले रिकॉर्ड तोड़ चंदे पर ध्यान दे।उन्होंने मुझे बुलाया है तो मैं जाऊंगा, लेकिन मैं नहीं जानता कि मुझे क्यों बुलाया गया है। पटेल ने कहा, भाजपा को नकदी और चेक के जरिये 10 हजार करोड़ रुपये का चंदा मिला, जो भारतीय इतिहास में किसी राजनीतिक दल को नहीं मिला। यह जबरदस्त भ्रष्टाचार है। पिछले साल नवंबर में 42 जगह मारे थे छापे  बता दें कि पिछले साल नवंबर में आयकर विभाग की नीति निर्धारक संस्था केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बताया कि विभाग ने नवंबर महीने के पहले सप्ताह में दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और इरोड में करीब 42 ठिकानों पर छापा मारकर बड़े पैमाने पर कर चोरी कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह छापे लोगों के एक समूह के ठिकानों पर मारे गए थे, जो फर्जी बिल जारी करने और हवाला लेनदेन में सहयोग करने का काम करते हैं। यह छापे कांग्रेस की फंडिंग की जांच से जुड़े हुए हैं। कमलनाथ के करीबियों के 52 ठिकानों पर छापे से भी जुड़े हैं तार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के 52 ठिकानों पर पिछले साल आयकर विभाग के छापों का भी तार इसी मामले की जांच से जुड़े हुआ है। इस जांच में भी बड़े पैमाने पर कांग्रेस की फंडिंग से जुड़े दस्तावेज और सबूत बरामद होने का दावा किया गया था। सीबीडीटी ने करीब 281 करोड़ रुपये के हवाला रैकेट की जानकारी मिलने का दावा किया था। साथ ही 14.6 करोड़ रुपयेअघोषित नकदी और डायरी व मध्य प्रदेश और दिल्ली में लोगों के बीच संदिग्ध भुगतान से जुड़ी कंप्यूटर फाइलें भी जब्त की गई थीं।


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