दो सिंह के गठजोड़ के चलते कमलनाथ खेमा संकट में

*दो सिंह के गठजोड़ के चलते कमलनाथ खेमा संकट में


आज का दिन मध्यप्रदेश की राजनीति मे उथल पुथल भरा रहा, सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बगावती सुर दिल्ली मे गूंजे जिसकी आवाज मध्यप्रदेश के राजनैतिक गलियारों में हलचल करती रही ।


क्या सिंधिया किसी के द्वारा  फेंकी गई राजनीति के शिकार हो गए है यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि दो दिन पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया टीकमगढ़ जिले में हुए एक आयोजन में पहुंचे थे  यह आयोजन दिग्विजय सिंह के समर्थक मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर के जिले में था ।  यह वह जिला है जहां सिंधिया का एक भी समर्थक नेता नहीं है । इसके बावजूद भी जिले के सिंधिया समर्थक प्रभारी मंत्री गोविंद राजपूत है, वही बृजेंद्र राठौर सागर जिले के प्रभारी मंत्री हैं ।सागर और  टीकमगढ़ निवाड़ी जिले में कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं को पता है कि दोनों जिलों में इन दोनों मंत्रियों का आपसी गठजोड़ कितना मजबूत है ।सागर में गोविंद राजपूत के निर्णय पर मुहर लगती है ,वही टीकमगढ़ निवाड़ी में बृजेंद्र राठौर के निर्णय पर मुहर लगाई जाती है, इन दोनों सिंह मंत्री के गठजोड़ से, इन दोनों जिलों में मुख्यमंत्री कमलनाथ खेमा संकट में है । 


मंत्री बृजेन्द्र राठौर के जिले मे  हुए आयोजन का विषय कुछ और था वहाँ अतिथि शिक्षकों और वचन पत्र जैसा विषय कहा से आ गया टीकमगढ़ जिले के पत्रकारों को सिंधिया से यह सवाल पूछना है यह भी अपने आप में विचार करने योग्य बात है ,क्या ऐसे प्रश्न जानबूझकर फेंके गए थे ।  फिर सिंधिया की बात पर डॉक्टर गोविंद सिंह का सक्रिय होना राजनीतिक मायने दर्शाता है । बहरहाल मध्यप्रदेश के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा चल पड़ी है कि सिंधिया किसी राजनीति का शिकार बनाए जा रहे हैं। सिंधिया के मध्य प्रदेश में "आंख कान नाक" कहे जाने वाले मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सागर में दो दशकों से कांग्रेस को अपने महल मे कैद करे है जिसे बाहर नही निकलने दे रहे है।मध्यप्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार आई तो सरकार भी महल तक ही सीमित होकर रह गई । जिले में खास नेता अरुणोदय चौबे हो या कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष दलित नेता सुरेंद्र चौधरी यहा तक की कमलनाथ समर्थक मंत्री हर्ष यादव भी अपने जिले में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का भलाकर सरकार से नही जोड पा रहे है ।


बृजेन्द्र सिंह राठौर और गोविन्द सिंह राजपूत की जोडी "हम तुम्हारे लिए" "तुम हमारे लिए" की तरह कार्य करने से कांग्रेस संघठन के साथ कमलनाथ खेमा संकट मे है बुन्देलखंड में ठाकुर नेताओं के समीकरण राजनीति में कब एक हो जाये यह मंत्री बृजेन्द्र राठौर पर 2013 मे लगे हत्या के आरोप के समय देख चुके है।
टीकमगढ़ में सिंधिया द्वारा दिये गये बयान भोपाल से लेकर दिल्ली तक हलचल मचा दी । सिंधिया कि इस तरह की राजनीति उनके राजनीतिक भविष्य पर बड़ा सवाल खड़ा करती है ।


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