कम्पनीज ऑडिट के दौरान ऑडिटर द्वारा कंपनी अधिनियम के प्रावधानों पर सेमिनार का हुआ आयोजन

 


कम्पनीज ऑडिट के दौरान ऑडिटर द्वारा कंपनी अधिनियम 2013 के प्रावधानों के पालन में रखी जाने वाली सावधानियां; विषय पर टीपीए एवं इंदौर सीए शाखा द्वारा एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसके मुख्य वक्ता सीएस डॉ डी. के. जैन थेl

टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के मानद सचिव सीए डॉ अभय शर्मा ने कहा कि कंपनी ऑडिट एक गंभीर विषय होता हैl सीए शर्मा ने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले, विश्वसनीय वित्तीय विवरण पूंजी बाजार का आधार हैं। यह निर्विवाद है। गुणवत्ता पूर्ण और विश्वसनीय वित्तीय जानकारी के बिना, पूंजी बाजार अच्छी तरह से काम नहीं करते हैं। 

टीपीए के प्रेसिडेंट सीए जे पी सराफ ने कहा कि ऑडिट प्रोसीजर के दौरान कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन करना आवश्यक हैl ऑडिटर को ऑडिट संबंधी अमेंडमेंट्स से अपडेट रहते हुए निष्पक्षता से रिपोर्ट देनी चाहिए।


मुख्य वक्ता सीएस डॉ डी. के. जैन ने कहा कि ऑडिट प्रारम्भ करने के पूर्व यह चेक करें कि कंपनी का प्रकार कौन सा है जैसे प्राइवेट लिमिटेड, पब्लिक लिमिटेड, स्मॉल कंपनी, स्टार्टअप, ओपीसी, लिस्टेड, एनबीएफसी, सरकारी कंपनी, निधि कंपनी, या डॉर्मेंट कंपनी है, इससे कंपनी अधिनियम 2013 की विभिन्न धाराएं, लेखा मानक, और ऑडिट संबंधी आवश्यकताएं लागू होती हैं। उन्होंने कहा कि कम्पनी को निदेशक मंडल, ऑडिट कमिटी, सीएसआर कमिटी आदि की बैठकों के मिनट्स और प्रस्तावों का समुचित रिकॉर्ड, एमबीपी-1 फॉर्म और रजिस्टर ऑफ इंटरेस्ट को अपडेट रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि कंपनी का टर्नओवर ₹200 करोड़ से अधिक या कर्ज ₹100 करोड़ से अधिक है, तो 6 महीनों के अंदर इंटरनल ऑडिट करवाना अनिवार्य है। इसी प्रकार, सूचीबद्ध कंपनियों और कुछ सार्वजनिक कंपनियों को सीक्रेटेरियल ऑडिट कराना अनिवार्य होता है। एमएसएमई से संबंधित क्रेडिटर्स की जानकारी और बकाया के भुगतान में देरी पर ब्याज को खातों में दर्ज करना आवश्यक होता है । फॉर्म एमएसएमई -1 को 31 मार्च, 30 सितंबर और 31 मार्च को क्रमशः आधे वर्ष की अवधि के अनुसार भरना चाहिए। यदि कंपनी ने निदेशकों या उनके रिश्तेदारों से अनसिक्योर्ड लोन लिया है तो ऑडिटर को यह देखना आवश्यक है कि ये लोन कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के तहत ही लिए गए हैं l इसके अतिरिक्त डिपॉजिट रजिस्टर और रसीद का संधारण, डीपीटी -3 की समय पर फाइलिंग बहुत आवश्यक है। ऑडिटर को चार्ज रजिस्ट्रेशन, वाहन या संपत्ति पर चार्ज, शेयरों पर गिरवी या एफडीआर पर लोन की स्थिति एमसीए पोर्टल से सत्यापित करना चाहिए। तथा ये जानकारी एमसीए के इंडेक्स ऑफ चार्जेस से मेल भी खाना चाहिए। 

सेमिनार का सञ्चालन टीपीए के मानद सचिव सीए डॉ अभय शर्मा ने कियाl धन्यवाद् अभिभाषण सीए उमेश गोयल ने दियाl इस अवसर पर सीए शैलेन्द्र पोरवाल, सीए अभिषेक माहेश्वरी, सीए सुमित सोडानी, सीए एस आर तोतला, सीए सीताराम सोनी, सीए श्याम खंडेलवाल सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थेl 

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