पत्रकार सीमा मनीष शर्मा इंदौर
उज्जैन विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल जो 12 ज्योतिर्लिंग में विशेष है पूरे विश्व में प्रसिद्ध है बाबा महाकालेश्वर का मंदिर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं उज्जैन बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए बड़े ही दूर दूर से जाने कहां-कहां से श्रद्धालु आते हैं अपनी श्रद्धा के साथ बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करने बाबा महाकाल के ऊपर अटूट श्रद्धा और विश्वास कालों के काल महाकाल के दर्शन से सभी के संकट दूर हो जाते हैं । हर दिन हजारों लोग बाबा के दर्शन करने के लिए 3 घंटे तक लाइन में खड़े रहते हैं और बड़ी ही जद्दोजहद करके बाबा के दर्शन की अभिलाषा लेकर लाइन में लगे रहते हैं । सबसे बड़ी दुख की बात है कि कई श्रद्धालु तो बिना दर्शन के लिए असंतुष्ट होकर वापस चले भी जाते हैं क्योंकि जब से महाकाल लोक का निर्माण हुआ है तब से श्रद्धालुओं की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है बाबा महाकाल के दर्शन के साथ साथ उज्जैन पर्यटन स्थल भी हो गया ।बाबा के भक्तों के साथ अपनी श्रद्धा लेकर आते हैं श्रद्धालु लेकिन बाबा महाकाल के मंदिर में आस्था के नाम पर मार्केटिंग हो रही है । जो वीआईपी लोग हैं उनके लिए तो श्रद्धालुओं की लाइन भी थम जाएगी बर्फ की तरह वही जम जाएगी । और वीआईपी लोग बाबा के गर्भ ग्रह में जाकर आराम से पूजा-अर्चना कर सकते हैं भक्त तो भक्त होते हैं बाबा के चाहे वीआईपी हो यह साधारण मनुष्य बाबा के लिए तो सभी एक समान है लेकिन यहां के जो मंदिर के व्यवस्थापक है वह अपने आप को इस मंदिर का मालिक समझ रहे हैं ऐसी व्यवस्था यहां हो गई है कि जो वीआईपी लोग है धनाढ्य लोग हैं उन्हीं के भगवान हैं वही पैसे के बलबूते पर गर्भ ग्रह में जाकर पूजा अर्चन कर सकते हैं और जो गरीब है जिनकी जेब में पैसा नहीं है वह बाबा के गर्भ घर में प्रवेश नहीं कर सकते दर्शन के नाम पर बाबा महाकाल के मंदिर को इन्होंने कमाई का एक जरिया बना लिया है । गर्भ ग्रह में अगर प्रवेश करना है बाबा को जल अर्पित करना है तो ₹750 की रसीद और सुबह भस्म आरती के दर्शन करना है तो ₹200 की रसीद आपको कटवाना पड़ेगी नहीं तो फिर चलित लाइन में आपको दर्शन करना है और वहां आपको 1 मिनट भी खड़ा नहीं रहने दिया जाएगा कि आप बाबा को अच्छे से दर्शन कर सकें।
उसके साथ साथ आपके साथ धक्का-मुक्की होगी और अभद्रता पूर्ण व्यवहार होगा ।पिछले कुछ महीनों से महाकालेश्वर मंदिर में बनी हुई नई दर्शन व्यवस्था की वजह से श्रद्धालु और सुरक्षाकर्मियों के बीच टकराव की स्थिति रोज बन रही है । प्रशासन को इसकी और अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि श्रद्धालुओं की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा जाए । कर्मचारियों का श्रद्धालुओं से दुर्व्यवहार आपके संस्कार और आपकी व्यावहारिकता का परिचय दे रहे हैं कि हम आने वाले श्रद्धालुओं जो राजस्थान , गुजरात यूपी विदेशों से भी आ रहे हैं वह भी कई बार बिना दर्शन के ही असंतुष्ट होकर वापस अपने देश जा रहे हैं । महाकाल के दर्शन का सबको अधिकार है चाहे साधारण मनुष्य हो या कोई नेता या अभिनेता सबके साथ एक समान व्यवहार होना चाहिए ।
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