पहली बार मार्च में 37.3 डिग्री पर पहुंचा धार का पारा, गर्मी से हाल बेहाल

आशीष यादव, धार

इस बार मार्च में ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए है। जिले में सोमवार को दिन का पारा 37 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। पहली बार मार्च माह में तन झुलसाने गर्मी ने लोगों के हाल बेहाल कर दिए। मौसम विभाग के वेबसाइट के मुताबिक सोमवार का अधिकतम तापमान 37.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 16.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। दिनभर चली गर्म हवा और तेज धूप से लोग परेशान रहे। दोपहर में गर्म हवा के थपेड़ों ने बेचैनी बढ़ा दी दिनभर यातायात से आबाद रहने वाली शहर के मुख्य सड़कों पर दोपहर को यातायात थम गया। पहली बार मार्च माह में ही अब घर, दुकान और कार्यालयों में पंखे, कूलर और एसी चलने लगे हैं। गर्मी ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। सोमवार को अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 16 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। फरवरी माह की समाप्ति होते ही मार्च माह की आमद के साथ क्षेत्र में अब तापमान अपनी तासिर पर लौटने लगा है । इससे मालवा अंचल दिन में सूर्य की तपन से तपने लगा है । मौसम विभाग की माने आगामी दिनों में तापमान तेजी से बढ़ेगा । इससे होलिका दहन के पूर्व ही दिन के तापमान का पारा 40 डिग्री पार होने का अनुमान है । हालांकि फिलहाल रात्रि के अंतिम पहर में ठंडक बनी हुई , फिर भी दिन में गर्माहट बढ़ने लगी है । विज्ञान केंद्र में लगे स्वचलित मौसम केंद्र के अनुसार सोमवार को अधिकतम तापमान 37 और न्यूनतम 16 डिग्री । सेंट्रिग्रेट रहा । बता दें कि जनवरी माह में मौसम बदलाव होता रहा । वहीं इस माह में अब तक मौसम साफ रहा है । इस समय खेतों में गेहूं - चना की फसल पककर तैयार हो चुकी है । कई स्थानों पर गेहूं की कटाई शुरु हो चुकी है । मौसम विशेषज्ञों की माने तो मार्च के पहले सप्ताह से ही तापमान में बढ़ोतरी होना शुरु हो गई होलिका दहन के बाद गर्मी का पारा और बढ़ेगा वैसे क्षेत्र में मई - जून में रिकार्ड गर्मी का पारा रहता है । इस दौरान अधिकतम तापमान 40से 42 डिग्री तक पहुंचता है 


कोरोना के बाद अब सीजन का फायदा मिलेगा:

तापमान बढ़ने के साथ ही ठंडाई के व्यवसाय में गर्माहट बढ़ने लगी है । घोड़ा चौपाटी पर गन्ने की चरखी चलाने वाले दुकानदारों ने बताया कि ठंडाई का बाजार फरवरी - मार्च से शुरु होकर जून माह तक चलता है । जुलाई में बारिश के साथ ही ठंडाई का व्यापार मंदा होने लगता है । वैसे बीते दो वर्ष से मार्च से लेकर मई - जून तक कोरोना काल के दौरान लगे लॉकडाउन ने सीजन खराब किए है । तीसरी लहर फरवरी माह से ही खत्म होने से ठंडाई से जुड़े व्यापारियों को सीजन से खासी उम्मीदे है । कुल्फी फैक्ट्री , बर्फ फैक्ट्री , आईस्क्रीम निर्माता सहित कोल्ड्रिंग्स सहित ठंडाई और पेय पदार्थों के व्यापार से जुड़े लोग सीजन की शुरुआत से अपने कामकाज में व्यस्त नजर आ रहे है ।


पसंद आ रहे मालवा के मटके:

शहर में गर्मी में प्यास बुझाने के लिए क्षेत्र में देशी फिज याने मटकों की मांग अधिक रहती है । शहर के चौपाटी पर इन दिनों मटका बाजार खासा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है । शहर सहित आसपास के ग्रामों से लोग विशेष आकार प्रकार और डिजाईनों के मटकें खरीदने पहुंच रहे है । यहां देशी निमाड़ी सहित गुजराती मटके लोगों को खूब पसंद आ रहे है । साथ ही मिट्टी के अन्य पात्र भी लोग खरीद रहे है । मटका व्यापारियों को भी दो वर्ष बाद इस सीजन से उम्मीदें बंधी है । 



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