सुविधा घर नही है सुविधाओं के लायक, शहर भर में करोड़ो की बर्बादी की

 आशीष यादव धार

शहर के अधिकाँश शौचालय खराब तो कही पर लगे ताले

कहने को तो देश भर में स्वच्छता के नाम पर दोहाई दी जाती है सरकार वहीं दूसरी ओर स्वच्छता के नाम पर करोड़ों रुपए लगाने के बाद भी लोगों को सुविधा घर में सुविधा नहीं मिल पा रही है ऐसा ही नजारा जिला मुख्यालय पर जहां रोज हजारों लोगों का आना जाना रहता है।

ऐसा ही कलेक्ट्रेट परिसर में नगरपालिका ने स्वच्छता मिशन को लेकर शौचालय तो बनवा दिया पर कही कोई उसका उपयोग नही कर ले बाकायदा इसका ध्यान भी रखा जा रहा है ताला लगा कर शौचालय को सुरक्षित कर दिया गया है एक औऱ केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक स्वच्छता मिशन अभियान को लेकर गंभीर है स्थानीय नगरपालिका ने सब से वयस्त क्षेत्र होने के कारण कलेक्ट्रेट परिसर में शौचालय का निर्माण तो किया है पर उसमे ना तो जल की व्यवस्था है ना ही साफ सफाई का ध्यान रखा जाता है और तो और उस शौचालय में हमेशा ताला लगा रहता है शौचालय के पास ही जिला पंजीयक कार्यालय है जहाँ अपनी संपत्ति का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए काफी महिलाए और पुरुषों का आना होता है और लंबे समय तक वहा रुकना भी पड़ता है पर शौचालय पर ताला लगा होने से पुरूष तो यह वहा चले जाते है महिलाए शौचालय के लिए परेशान होती रहती है इस और किसी का भी ध्यान नही है

शहर को खुले में शौच मुक्त करने के लिए प्रशासन द्वारा समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। लोगों को घर-घर शौचालय बनवाने के लिए जागरूक भी किया जाता है। वहीं नगर परिषद द्वारा शहर को कागजों में ओडीएफ भी घोषित किया जा चुका है, लेकिन शहर के विभिन्न स्थानों पर बने सार्वजनिक शौचालय देखरेख के अभाव में बदहाल स्थिति में हैं। शौचालयों के बाहर व अंदर फैली गंदगी के कारण लोग इनका प्रयोग करना दूर उनके पास भी जाने से कतराते हैं। शौचालयों की बदहाल स्थिति कहीं न कहीं स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर के नंबर काटने का काम किया है। इसके बावजूद नगर परिषद के अधिकारी शौचालयों की सुध नहीं ले रहे हैं। इस प्रकार लाखों खर्च कर शहर में बनाए गए शौचालय अनुपयोगी हो गए हैं

बता दें कि सरकार की ओडीएफ योजना के तहत शहर के विभिन्न स्थानों पर एक दर्जन से अधिक शौचालय है वही डिपो में लाखों रुपये की राशि खर्च शौचालय बनवाए गए थे। इसके साथ लालबाग पर राजवाडा के पास भी पहले से शौचालय बने है, लेकिन शहर को जैसे ही ओडीएफ घोषित किया गया, अधिकारियों ने इनकी ओर ध्यान देना बंद कर दिया। ऐसे में शहर में बने इन सार्वजनिक शौचालयों की हालत बद से बदतर हो रही है। पानी की व्यवस्था व नियमित सफाई के अभाव में इनके अंदर गंदगी फैली पड़ी है।

टूटे पड़े दरवाजे, नल व टोंटी

शहर में बने सार्वजनिक शौचालयों की देखभाल की जिम्मेदारी नगर परिषद की है, लेकिन वर्तमान में शौचालय बदहाल हो गए हैं। कई शौचालयों के दरवाजे टूटे पड़े हैं तो कई शौचालयों में टोंटी ही नहीं है। किसी में पानी की व्यवस्था नहीं है तो किसी की टायलेट शीट व टाइल टूटी पड़ी है। वही सरकार के करोड़ो रूपये लगाने के बाद इनको कुछ दिनों तक देखा जाता है उसके बाद इनकी कोई सुध नही लता है 

शहर भर में बने शौचालय में फैली गंदगी

नगर पालिका द्वारा शहर भर में आमजन की सुविधा के लिए सार्वजनिक शौचालय बनाया गया है, लेकिन नियमित सफाई नहीं होने से इस शौचालय की हालत दयनीय बनी हुई है। जबकि उक्त शौचालय का प्रयोग प्रतिदिन आसपास के दुकानदार के साथ शहर में आने वाले सैकड़ों लोग करते हैं। इसमें आती दुर्गंध व फैली गंदगी के चलते अनेक लोग इसके पास जाते ही वापस मुड़ जाते है।

सफाई के अभाव में लोग नहीं कर रहे शौचालयों का उपयोग:

खुले में शौच मुक्त करने के लिए शहर में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया था तो कई स्थानों पर लाखो रुपए के मोबाइल शौचालय रखवाए गए थे जो आज धुल खा रहे है तो कुछ का पता नही है कहा गए वही शहर में सफाई के अभाव में इन शौचालय की हालत काफी खराब हो गई है। इस कारण लोग इनका उपयोग न कर खुले में जाने को मजबूर है। वहीं शौचालयों के दयनीय हालत के चलते सबसे अधिक परेशानी बाजार में खरीददारी आदि के लिए आने वाली महिलाओं को होती है क्योंकि एक तो शौचालयों में फैली गंदगी व दूसरी उनके दरवाजे न होना।

अरुण कुमार शर्मा सीएमओ धार नगर पालिक ने कहा कि जल्दी ही ठीक करवाएगे। जो सामुदायिक शौचालय है उसकी साफ सफाई करवाये वही शहर के बाकी शौचालयो की देखरेख हो रही है।




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