सेंटटेरेसा जमीन घोटाले में इतिहास के पँन्नो से तथ्य ढूंढकर लाई पुलिस, हो रही है बारीकी से जांच

आशीष यादव, धार

आखिर कौन है डॉक्टर मिस मार्गेट ओहरा

क्या वह वास्तव में दास परिवार की कोई रिश्तेदार थी कौन थी मिस ओहरा एक पहेली जिसे इतिहास के पन्नो ने मिस ओहरा के द्वारा लिखी किताब ने सुलझा दिया धार के सेंटटेरेसा की सरकारी जमीन घोटाले में पुलिस के हाथ महत्वपूर्ण सुराग लगा महिला डीएसपी यशस्वी शिन्दे ने बताया कि पुलिस के हाथ महत्वपूर्ण दस्तावेज लगे हैं पुलिस ने सैंट टैरेसा जमीन से जुड़े पुराने दस्तावेजों वह किताबों को खंगालना शुरू किया इस दस्तावेज में लिखा है कि 1897 में यहां अस्पताल उद्घाटित हुआ था इसमें सेवा के लिए डॉक्टर मार्गेट ओहारा की नियुक्ति की गई थी । डॉक्टर मार्गेट ओहांरा आपको बता दें कि वह अविवाहित रही उन्होंने 32 साल तक धार में सेवाएं दी उसके लिए उन्हें हिंद केसरी भी मिला जिसका की उल्लेख उनके द्वारा लिखित किताब में है उन्होंने 1927 में कनाडा के लिए अपनी रवानगी डाल दी वही चूंकि उन्होंने विवाह नही किया था उनकी कोई संतान नहीं थी वह अविवाहित थी तो यह जमीन किसी की पैतृक कैसे हो सकती है यह सबसे बड़ा सवाल है 

स्वत्व कैसे होसकता है बताया जा रहा है कि मिस ओहारा के जाने के बाद यह जमीन लावारिस स्थिति में रही । 1972 में डॉ रत्नाकर दास को यहां सेवा करने के लिए नियुक्ति दी गई थी और रत्नाकर दास के बच्चों ने इस जमीन को खुर्द बुर्द कर दिया ।पुलिस कितनी मुस्तैदी से काम कर रही है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मिस ओहारा के द्वारा लिखी गई किताब तक भी पुलिस पहुंच गई और वहां से क़ई तथ्यों को खंगाला ही लायी ।

सेंटटेरेसा घोटाले की बेस्कीमती जमीन

1895 में धार महाराज आनंद राव तृतीय ने सेंटटेरेसा की बेश कीमती व मसीह अस्पताल की जमीन स्वास्थ सेवाओ के लिए जनकल्याणार्थ दी थी इस बेशकीमती जमीन पर कभी अस्पताल व स्टाफ रहा करता था वही मसीह अस्पताल वाली भूमि पर बताया जा रहा है कि कभी पतरे के शेड में अस्पताल संचालित होता था यहां पर ब्रिटिश हुकूमत के समय मिस मार्गेट ओहरा जो कि वर्ल्ड की दूसरी डॉक्टर थी उनकी नियुक्ति धार् में की गई थी वह 1891 में प्रिंस मेडिकल कॉलेज किंग्सटन से डॉक्टर बनी वह पहली बैच की डॉक्टर थी जिनका अप्वाइंटमेंट धार में किया गया वह 1895 में भारत आई और धार पहुची और धार में उन्होंने एक डॉक्टर होने के नाते तो सेवा दी ही दी उसके अलावा उन्होंने यहां पर एक अनाथ आश्रम का भी संचालन किया इस आश्रम में उन्होंने क़ई युवतियों की शादी भी करवाई

एक विदेशी महिला जो कि MD डॉक्टर थी उन्होंने यहां सेवाएं दी और समाज सेवा भी की इतना पवित्र उद्देश्य भारत मे रहकर उन्होंने पूरा किया

महिला शसक्तीकरण के लिए उन्होंने धार में क़ई कार्य किये 1927 में डॉक्टर मार्गेट ओहरा रिटायर हुई और वह केनेडा चली गयी 1931 में उन्होंने एक किताब लिखी लीफ ऑफ द लोटस 

जिसमें उन्होंने भारत में व धार में किए गए सेवा कार्यों को विस्तार से लिखा 1940 में उनकी ओंटारियो में मृत्यु हो गई आज भी उनकी वहां पर कब्र मौजूद है आपको बता दें कि वर्ल्ड की दूसरी डॉक्टर मार्गेट ओहरा अविवाहित थी उनकी कोई संतान नहीं थी वह किसी की दादी या नानी नहीं थी हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सेंटटेरेसा घोटाले में सुधीर दास के द्वारा इस जमीन पर अपना स्वत्व का अधिकार बताया था जब मिस औहरा ने विवाह ही नहीं किया उनकी कोई संतान ही नहीं थी इस जमीन पर किसी का भी स्वत्व कैसा डॉ रत्नाकर पीटर दास एक संस्था के जरिए मसीह अस्पताल में अपनी सेवाएं देने के लिए 1972 में उनकी नियुक्ति हुई थी वही 1927 से 1972 तक यह अस्पताल वह भूमि लावारिसों की तरह रही रत्नाकर पीटरदास छत्तीसगढ़ से धार आए थे और यहां पर वह मृत्यु तक रहे उन्होंने व उनकी पत्नी ने यहां सेवाएं दी

और उनके पुत्र सुधीर दास जो कि इस घोटाले में मुख्य आरोपी है वह अपना स्वत्व का अधिकार व ईसाई होकर यह जन कल्याण के लिए दी गई जमीन को खुर्द बुर्द किया और आज यह घोटाला मध्य्प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला बना हुआ जिस पर पुलिस ने 28 आरोपियों सहित 1संस्था पर प्रकरण दर्ज किया । 



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