समिधा की सिफारिशों के बाद मोघे, माखन सिंह और कप्तान सिंह को विशेष जिम्मेदारियां 

 


- 24 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव को अलग से मॉनिटर करेंगे


- तीनों संघ के प्रचारक तथा ऊषा किरण पैलेस के नजदीकी रहे हैं


 


 


इंदौर 22 मई। मध्य प्रदेश भाजपा की सरकार की स्थिरता के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाने वाले 24 विधानसभा उपचुनाव के लिए संघ परिवार का थिंकटैंक भी प्रदेश भाजपा के समानांतर तैयारियां कर रहा है। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मध्य क्षेत्र इकाई के मुख्यालय भोपाल के अरेरा कॉलोनी स्थित समिधा की सिफारिशों के बाद संघ के वरिष्ठ प्रचारक रहे प्रदेश भाजपा के तीन पूर्व संगठन महामंत्रियों को विशेष तौर पर जिम्मेदारियां दी जा रही हैं। यह तीनों पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्री ग्वालियर महल के नजदीकी रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कृष्ण मुरारी मोघे, कप्तान सिंह सोलंकी और माखन सिंह चौहान सितंबर में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को मॉनिटर करेंगे। यह व्यवस्था प्रदेश भाजपा नेतृत्व द्वारा की जा रही कार्य योजना से इतर होगी। सनद रहे प्रदेश भाजपा ने 24 विधानसभा क्षेत्रों के लिए पूर्णकालिक चुनाव साहयक पहले ही नियुक्त कर दिए हैं। यह चुनाव प्रभारी भाजपा के संभागीय संगठन मंत्रियों और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत के सीधे निर्देशन में काम करेंगे। सूत्रों के अनुसार पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में प्रवेश के बाद जो राजनीतिक परिस्थितियां बनी हैं, उसकी जटिलताओं के मद्देनजर संघ परिवार अपने तपे -तपाए रणनीतिकारों की सेवाएं विशेष तौर पर ले रहा है। विदिशा जिले की कुरवाई तहसील के मूल निवासी कृष्ण मुरारी मोघे का मालवा निमाड़ के अलावा सागर संभाग में भी खासा दखल है। वे सागर लोकसभा सीट के दो चुनाव में प्रमुख दावेदार बनकर भी उभरे थे। सागर संभाग भाजपा के लिए अभी सबसे बड़ा सरदर्द बना हुआ। ऐसे में कुशल संगठक माने जाने वाले कृष्ण मुरारी मोघे की क्षमताओं का उपयोग संघ परिवार करना चाहता है। इसी तरह माखन सिंह चौहान और कप्तान सिंह सोलंकी का मालवा और ग्वालियर अंचल में खासा दबदबा रहा है। इन दोनों का उपयोग भी मेंटर के तौर पर उपचुनाव में किया जाएगा।


 


 कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं..


 


कृष्ण मुरारी मोघे मुरैना और भिंड के जिला प्रचारक रहने के अलावा ग्वालियर और इंदौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक भी थे। वे 1995 से 2003 तक प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री भी रहे हैं। उन्हें कुशाभाऊ ठाकरे का अत्यंत विश्वासपात्र संगठन मंत्री माना जाता था। प्रोफ़ेसर कप्तान सिंह सोलंकी मध्य भारत के प्रांत प्रचारक रहने के दौरान संघ की अनुशंसा पर 2003 में भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री बने थे। 2003 में भाजपा की तीन चौथाई बहुमत से बनी सरकार के वे प्रमुख शिल्पकार माने गए थे। कप्तान सिंह सोलंकी ग्वालियर में एक कॉलेज के प्रोफेसर भी रहे हैं। ग्वालियर और चंबल अंचल में संघ कार्य के विस्तार में उनका बड़ा योगदान है।माखन सिंह चौहान भी लंबे समय उज्जैन विभाग प्रचारक रहें हैं। वे संघ के क्षेत्र सेवा प्रमुख रहने के दौरान भाजपा में बतौर प्रदेश संगठन महामंत्री भेजे गए थे। 2008 का विधानसभा चुनाव माखन सिंह चौहान के प्रदेश संगठन महामंत्री रहते हुए ही लड़ा गया था। इस चुनाव में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की थी। इन तीनों ही पूर्व प्रदेश संगठन महामंत्रियों के सिंधिया परिवार से मधुर संबंध रहे हैं। ग्वालियर के उषा किरण पैलेस और अम्मा महल में इनका सहज आना-जाना रहा है।


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